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नागरिकता विरोध पर चौकन्नी हुई उप्र सरकार, जुमे को देखते हुए बंद की गईं कई जिलों की इंटरनेट सेवाएं - 372 लोगों को नोटिस

नागरिकता कानून को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए जुमे की नमाज से पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने कई जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद करने का फैसला किया है. जुमे की नमाज के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.

कॉन्सेप्ट इमेज.
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Published : Dec 26, 2019, 8:19 PM IST

Updated : Dec 26, 2019, 10:55 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में नागरिकता कानून के विरोध को देखते हुए सरकार सतर्क हो गई है. कल जुमे की नमाज के बादविरोध प्रदर्शनों की आशंका के मद्देनजर सरकार ने कई जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद करने का फैसला किया है. साथ ही हिंसा फैलाने वाले उपद्रवियों को चिन्हित कर नोटिस जारी करने और उपद्रवियों की गिरफ्तारियों का सिलसिला भी जारी है.

कई जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद
इससे पहले करीब एक हफ्ते तक बंद रही इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गई थीं, लेकिन एहतियातन कई जगहों में इसे दोबारा बंद कर दिया गया है, ताकि सोशल मीडिया से किसी तरह की अफवाह न फैलने पाए. सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन ने आगरा, मथुरा, गाजियाबाद, सीतापुर, शामली, बुलंदशहर, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, फिरोजाबाद, अलीगढ़, कानपुर, संभल और बिजनौर में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं.

इससे पहले करीब एक सप्ताह तक बंद रही इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गई थीं, लेकिन एहतियातन कई जगहों पर इसे दोबारा बंद कर दिया गया है, ताकि सोशल मीडिया से किसी तरह की अफवाह न फैलने पाए.

200 से अधिक लोग गिरफ्तार
दिल्ली स्थित उत्तर प्रदेश भवन के बाहर गुरुवार को प्रदर्शन कर रहे 200 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया. यह लोग संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान राज्य में कथित पुलिस ज्यादतियों का विरोध कर रहे थे.

372 लोगों को नोटिस
वहीं, शुक्रवार यानी कल जुमे की नमाज के मद्देनजर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और शांति सुनिश्चित करने के लिए पुलिस लगातार गश्त कर रही है. गौरतलब है कि पिछले हफ्ते जुमे की नमाज के बाद ही हिंसा भड़क उठी थी. हिंसा के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई शुरू हो चुकी है. अलग अलग जिलों में 372 लोगों को नोटिस दिए गए हैं. इस मामले पर गृह विभाग के एक प्रवक्ता ने गुरूवार को बताया कि हिंसा में 19 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 288 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें से 61 गोलीबारी में जख्मी हुए हैं. उन्होंने बताया कि 327 मामले दर्ज हुए हैं जबकि 5558 लोगों को एहतियातन हिरासत में लिया गया है.

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि सबसे अधिक 200 नोटिस मुरादाबाद में दिए गए. लखनऊ में 100, गोरखपुर में 34 और फिरोजाबाद में 29 लोगों को नोटिस दिए गए हैं. हिंसा में कथित रूप से शामिल होने के लिए प्रदेश भर में 1113 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

बहराइच जिले में पुलिस की 10 टीमें तैयार
बहराइच में गुरुवार तक कुल 43 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. वीडियो फुटेज के जरिए अभी तक 95 उपद्रवियों को चिह्नित किया गया है तथा बाकी लोगों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है. पुलिस अधीक्षक गौरव ग्रोवर ने बताया कि शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद धारा 144 का उल्लंघन कर उपद्रव फैलाने व साजिश करने वालों को चिन्हित करने के लिए पुलिस की दस टीमें लगाई गई हैं. पुलिस के अधिकारी लगातार वीडियो फुटेज खंगालने में लगे हुए हैं. साथ ही आईटी विशेषज्ञ घटना से पूर्व सोशल मीडिया पर वायरल हुए संदेशों की गहन जांच कर रहे हैं.

हिंसा में शामिल बाहरी लोग
कानपुर के एसएसपी अनंत देव तिवारी ने बताया कि आरंभिक जांच से पता चला है कि हिंसा में बांग्लादेशियों और कश्मीरियों सहित बाहरी तत्वों का हाथ है. उन्होंने कहा कि इस बात के पर्याप्त साक्ष्य हैं कि हिंसा में बाहरी लोग शामिल थे. उन्होंने बताया कि बांग्लादेशियों और कश्मीरियों सहित बाहरी लोगों की पहचान के लिए कई टीमों का गठन किया गया है और यह भी पता लगाया जा रहा है कि हिंसा भड़काने में क्या वही बांग्लादेशी शामिल थे, जिन्होंने लखनऊ में हिंसा भड़काई थी.

सम्भल में 55 उपद्रवी चिन्हित
सम्भल में पुलिस ने नागरिकता कानून के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शनों के सिलसिले में 26 लोगों को चिन्हित कर नोटिस जारी किए गए हैं. पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने गुरुवार को संवाददाताओं को बताया कि 55 उपद्रवियों को चिन्हित किया गया है और 150 उपद्रवियों के पोस्टर जारी किए गए हैं. चिन्हित लोगों की पहचान बताने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है.

अपर जिलाधिकारी कमलेश अवस्थी ने बताया कि पिछले दिनों सम्भल में हुई घटना में सरकारी संपत्ति के नुकसान का आंकलन जारी है. अब तक के आंकलन में 11 लाख 66 हजार का नुक़सान पाया गया है, जबकि 26 लोगों को चिन्हित कर उन्हें नोटिस जारी किए गए हैं. यदि वह लोग इसकी भरपाई नहीं कर पाएंगे तो उनकी कुर्की तक की जाएगी.

पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने संभल में हुए उपद्रव के संबंध में पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि अब तक 55 लोगों को चिन्हित किया गया है जबकि डेढ़ सौ लोगों के पोस्टर जारी किए गए हैं, जिन्होंने दंगा फसाद गोलीबारी की थी. अब तक इस घटना में 48 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि घटनास्थल के आसपास सर्च के दौरान अट्ठारह तमंचे, 109 कारतूस, तलवारें, चाकू बरामद किए गए हैं और अब तक 12 मुकदमें दर्ज किए गए हैं. साथ ही भड़काऊ वीडियो जारी करने के लिए तीन मुकदमे दर्ज किए गए हैं. प्रसाद ने बताया कि हिंसा के दौरान महिला पुलिसकर्मियों सहित कुल 55 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.

शांति के पीस कमेटी की बैठकें
एसपी ने बताया कि पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि दोषियों व खासतौर पर साजिश कर्ताओं के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए, लेकिन किसी निर्दोष को परेशान न होने दिया जाए. उन्होंने बताया कि बहराइच में हजारों प्रदर्शनकारियों ने एकत्र होकर उग्र नारेबाजी व पुलिस बल पर पथराव तो किया था, लेकिन पुलिस की सक्रियता के कारण उपद्रव करने वाले न तो कहीं आगजनी कर सके थे और न ही किसी विशेष सार्वजनिक अथवा निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचा सके थे. ग्रोवर ने बताया कि शहर व जिले में शांति कायम रखने के दृष्टिगत लगातार पीस कमेटी की बैठकें की जा रही हैं. लोगों को नागरिकता संशोधन अधिनियम के तमाम पहलुओं पर जानकारी दी जा रही है. पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी दिन रात गश्त कर माहौल पर सतर्क दृष्टि रखे हुए है.

बीते शुक्रवार नागरिकता संशोधन अधिनियम व संभावित एनआरसी के विरोध में मुस्लिम समुदाय के हजारों लोगो ने जुमे की नमाज खत्म होने के बाद सड़कों पर उतरकर उग्र प्रदर्शन किया था.

पुलिस द्वारा रोकने पर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पथराव किया जिससे 10 पुलिस कर्मियों को चोटें आई थीं. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस, पीएसी, अर्ध सैनिक बल व आसपास के जनपदों की पुलिस को बुला लिया गया था. पुलिस को लाठी चार्ज व आंसू गैस का प्रयोग करना पड़ा था. दो दिन तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं. दो हजार से अधिक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में छः मुकदमे दर्ज किए गए थे. 38 उपद्रवियों को 24 घंटे में ही गिरफ्तार कर लिया गया था. फिलहाल बीते चार दिनों में पुलिस ने पांच लोगों को और गिरफ्तार किया है.

फिरोजाबाद में 13 लोग गिरफ्तार
फ़िरोजाबाद में पिछले शुक्रवार को हुए उपद्रव में आगजनी, तोड़फोड़ कर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर जिला पुलिस प्रशासन सख्त हो गया है और संपत्ति नुकसान का आंकलन कराया जा रहा है और उपद्रव करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जा रही है.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सचिन्द्र पटेल ने बताया कि 13 लोगों को जेल भेजा जा चुका है और वीडियो, फोटो जारी करके उपद्रव करने वालों को चिन्हित किया जा रहा है. सरकारी सम्पत्ति का नुकसान करने वालों से वसूली की कार्रवाई की जा रही है. कल शुक्रवार को शांति व्यवस्था बनाने के उद्देश्य से पुलिस प्रशासन सतर्क है. गैर जिले से आई फ़ोर्स को वापस नहीं किया गया है.

प्रशासन द्वारा अतिरिक्त फोर्स बुलाए जाने की मांग की गई है जिससे जिले में पूरी तरह से अमन चैन बना रहे. एसएसपी एवं डीएम मुस्लिम धर्म गुरुओं के सहयोग से व स्वयं जनता से मिलकर अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील कर रहे हैं. फिलहाल शहर में पूर्णतः शांति का माहौल है. चूड़ी कारखाने खुले हैं और बाजार में रौनक नजर आ रही है.

पढ़ें- प्रदर्शनकारियों के खिलाफ उप्र सरकार की कार्रवाई मानवाधिकार के खिलाफ : बसु

एएमयू में 1200 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के लगभग 1200 अज्ञात लोगों के खिलाफ निषेधाज्ञा उल्लंघन के लिए मामला दर्ज किया गया है. इनमें छात्र, शिक्षक और गैर शिक्षण स्टाफ शामिल हैं. देश के विभिन्न हिस्सों में नागरिकता कानून के विरोध के दौरान जान गंवाने वालों के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त करने और नागरिकता कानून का विरोध के लिए उक्त लोगों ने कैण्डल लाइट मार्च किया था. एएमयू के लगभग 2000 लोगों ने 24 दिसंबर की शाम मार्च निकाला था और राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन प्रशासन के एक अधिकारी को सौंपा था.

सिविल लाइंस के क्षेत्राधिकारी अनिल समानिया ने संवाददाताओं को बताया कि उक्त लोगों पर निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर बिना अनुमति जुलूस निकालने का मामला दर्ज किया गया है. नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शनों के परिप्रेक्ष्य में एएमयू पांच जनवरी 2020 तक बंद है और हास्टल खाली करा लिए गए हैं.

Last Updated : Dec 26, 2019, 10:55 PM IST

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