नई दिल्ली : भारतीय सुरक्षा बलों ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में सक्रिय शीर्ष 10 सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों की अगली लहर को बेअसर करने के लिएनया अभियान शुरु किया है.
सुरक्षा प्रतिष्ठान के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक, ये आतंकवादी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और हिजबुल मुजाहिद्दीन (एचएम) से जुड़े हैं. फिलहाल सुरक्षाबलों का उद्देश्य सभी सक्रिय आतंकवादी नेटवर्क को नेस्तनाबूद करना और उन्हें नाकाम करने के लिए जवाबी हमले शुरू करना है.
इन शीर्ष 10 आतंकवादियों को पाकिस्तान की खुफिया इकाई आईएसआई की मदद से संचालित आतंकी शिविरों में प्रशिक्षित किया गया था. कश्मीरी युवाओं को भर्ती करने और आतंकी हमले करने के लिए भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने से पहले वे हथियारों से अच्छी तरह से लैस थे.
आतंकवाद-रोधी इकाई के एक प्रमुख ने कहा, 'पाकिस्तान कश्मीर के भोले-भाले युवाओं को भर्ती कर रहा है और उन्हें भारत के खिलाफ जिहाद करने के लिए प्रशिक्षित कर रहा है.'
शीर्ष आतंकवादियों की पहचान करने के लिए सुरक्षाबलों का यह अभियान कश्मीर के सबसे वांछित आतंकवादियों में से एक और आतंकी समूह हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर रियाज नाइकू के जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में एक आतंकवाद रोधी अभियान के दौरान मारे जाने के बाद शुरू हुआ है.
32 वर्षीय नाइकू के सिर पर 12 लाख रुपये का ईनाम था और कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन की कमान संभालने के बाद वह भारत के लिए एक अहम निशाना था.
सुरक्षा बल इस सप्ताह की शुरुआत में एक सूची तैयार करने के बाद 10 सर्वाधिक वांछित सक्रिय आतंकवादियों को पकड़वाने में मदद करने के लिए ईनाम भी दे रहे हैं. यह कश्मीर के हंदवाड़ा में मुठभेड़ के दौरान दो वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों (एक कर्नल और एक मेजर)के शहीद होने के बाद आतंकवाद से निपटने के लिए अपनाई गई रणनीति का एक हिस्सा है. मुठभेड़ में कर्नल आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज सूद, नायक राजेश कुमार, लांस नायक दिनेश और पुलिस सब-इंस्पेक्टर सगीर अहमद पठान शहीद हो गए थे.