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पर्यावरण को नहीं पहुंचेगा नुकसान, ई-वेस्ट का होगा यह 'अंजाम'

विश्व के लिए नासूर बनते जा रहे ई-वेस्ट के निस्तारण की दिशा में वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता मिली है. इसे जैव विघटन विधि से ई-वेस्ट को खत्म किया जा सकता है. पढ़ें पूरी खबर...

E-waste management
ई-वेस्ट मैनेजमेंट

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Published : Aug 12, 2020, 12:15 PM IST

रुद्रपुर : ई-वेस्ट को अब बिना रिसाइकिल व बिना जलाए भी खत्म करने की तकनीक वैज्ञानिकों ने इजाद कर ली है. उत्तराखंड के पंतनगर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने 18 सालों तक की कड़ी मेहनत से एक ऐसी तकनीक इजाद की है, जिससे प्लास्टिक वेस्ट को खत्म किया जा सकता है. इससे पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचेगा.

देशभर में लाखों टन ई-वेस्ट कूड़े का अब निस्तारण पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना किया जा सकेगा. इस खोज के लिए पंतनगर विवि की वैज्ञानिकों की टीम को 18 साल का वक्त लगा. अब दफ्तरों और घरों में बेकार हो चुके कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल, टीवी, रेडियो आदि का निस्तारण जैव विघटन के जरिए आसानी से किया जा सकता है.

पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना ई-वेस्ट होगा खत्म

18 वर्षों की अथक मेहनत के बाद पंत कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने इस ई-वेस्ट के निस्तारण की बायोडिग्रेडेशन (जैव विघटन) तकनीक को खोज निकाला है.

पढ़ें -कोरोना काल में पर्यावरण के लिए खतरा बन रहा कोविड वेस्ट

पंतनगर विवि के वैज्ञानिकों ने कई वर्षों तक विभिन्न प्लास्टिक पदार्थों पर बैक्टीरिया द्वारा बायोडिग्रेडेशन पर शोध किया. इस दौरान उन्होंने मिट्टी से 45 प्रकार के सूक्ष्म जीवों के समूह को इस प्लास्टिक के चुरो में डाला. सात दिनों के अध्ययन में पता चला कि 45 में से कुछ जीवों द्वारा सिर्फ दो दिन में ई-वेस्ट का पूर्ण विघटन हो गया.

कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी के प्राध्यापक डॉ. एमजीएच जैदी ने दावा किया है कि इस वायरस को डेवलप करने और ई-वेस्ट का निस्तारण करने में उनकी टीम ने जी-तोड़ मेहनत की है. इस विधि से किसी भी तरह के प्लास्टिक को नष्ट किया जा सकता है. इससे देशभर में ई-वेस्ट को आसानी से खत्म किया जा सकता है.

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