नई दिल्ली :कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) के 17 विधायकों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया. कोर्ट ने स्पीकर के उस फैसले को सही ठहराया है, जिसमें उन्होंने इन सभी को अयोग्य ठहरा दिया था. हालांकि, राहत ये रही कि कोर्ट ने इन सभी को चुनाव लड़ने की इजाजत दे दी है. कांग्रेस-जेडीएस सरकार के दौरान स्पीकर रमेश कुमार ने इस सभी विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी थी. स्पीकर ने उनके चुनाव लड़ने पर भी पाबंदी लगा दी थी.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने 17 अयोग्य विधायकों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा 'मैं सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का स्वागत करता हूं जिसमें कहा गया है कि सभी 17 विधायक उपचुनाव लड़ सकते हैं. कल से हम सभी विधानसभा क्षेत्रों में जाने वाले हैं. हम सभी 17 सीटें 101 प्रतिशत जीतने जा रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर येदियुरप्पा की प्रतिक्रिया फैसले के बाद कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला लगभग 95 फीसदी स्पीकर के पक्ष में गया है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अभिषेक मनु सिंघवी की प्रतिक्रिया बता दें कि 25 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. कर्नाटक में विधायकों की अयोग्यता के बाद खाली हुई 15 विधानसभा सीटों पर 5 दिसंबर को उपचुनाव होना है. कोर्ट ने अब इन विधायकों को उपचुनाव लड़ने की इजाजत दे दी है.
अश्विनीकुमार (नैता, कांग्रेस) सिद्धरमैया ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों की अयोग्यता को गलत नहीं बताया है. पूरे फैसले को पढ़ने के बाद कोई प्रतिक्रिया देना सही होगा. उन्होंने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सिद्धरमैया की प्रतिक्रिया बीजेपी नेता जीवीएल नरसिम्हा ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने पिछले कुछ महीनों में कर्नाटक के राजनीतिक घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि स्पीकर ने एक पॉलिटिकल एक्टर बनकर विधायकों को निलंबित किया था.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जीवीएल नरसिम्हा की प्रतिक्रिया गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने विधान सभा में एचडी कुमारस्वामी सरकार के विश्वास प्रस्ताव से पहले ही 17 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था. इनमें जेडीएस विधायक एच विश्वनाथ भी शामिल थे. विश्वनाथ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है.
एच विश्वनाथ (नेता, जेडीएस) बता दें कि न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की तीन सदस्यीय पीठ ने इन अयोग्य घोषित विधायकों की याचिकाओं पर 25 अक्टूबर को सुनवाई पूरी की थी.
विधानसभा में विश्वास मत्र प्राप्त करने मे विफल रहने पर कुमारस्वामी की सरकार ने इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद, भारतीय जनता पार्टी के बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में राज्य में नयी सरकार का गठन हुआ.
इन विधायकों को अयोग्य घोषित किये जाने की वजह से 17 में से 15 सीटों के लिये पांच दिसंबर को उपचुनाव हो रहे हैं. अयोग्य घोषित किये गये विधायक इन उपचुनाव में नामांकन पत्र दाखिल करना चाहते हैं. नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 18 नवंबर है.
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उल्लेखनीय है इन विधायकों ने हाल में शीर्ष अदालत में एक आवेदन दायर कर 15 सीटों के लिये होने वाले उपचुनाव की तारीख स्थगित करने का निर्वाचन आयोग को निर्देश देने का अनुरोध किया था. इन विधायकों का कहना था कि उनकी याचिकाओं पर न्यायालय का निर्णय आने तक निर्वाचन आयोग को इन सीटों पर चुनाव नहीं कराने चाहिए.
कर्नाटक के बागी विधायकों का पूरा घटनाक्रम अयोग्य घोषित विधायकों की दलील थी कि सदन की सदस्यता से त्यागपत्र देना उनका अधिकार है और अध्यक्ष का निर्णय दुर्भावनापूर्ण है और इससे प्रतिशोध झलकता है. इन विधायकों में से अनेक ने सदन की सदस्यता से इस्तीफा देते हुये अध्यक्ष को पत्र लिखे थे.