नई दिल्ली : महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक गतिरोध के बीच में शिवसेना सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी केफैसले के खिलाफ डाली हुई याचिका पर आज उच्चतम न्यायालय सुनवाई कर सकता है. दूसरी तरफ शिवसेना के वकील सुनील फर्नांडिस ने कहा कि पार्टी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका दायर नहीं की जा रही है. यह कब दर्ज किया जाएगा इस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा.
दरअसल शिवसेना ने महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए एनसीपी और कांग्रेस का समर्थन पत्र प्राप्त करने के लिए महाराष्ट्र राज्यपाल से समय सीमा से अलग और तीन दिन की मांग की थी. लेकिन राज्यपाल इसकी अनुमति नहीं दी थी. इसी फैसले के खिलाफ में शिवसेना ने उच्चतम न्यायालय में याचिका डाली है.
बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने संबंधी उद्घोषणा पर हस्ताक्षर कर दिया है. इसके बाद प्रदेश विधानसभा निलंबित अवस्था में रहेगी.
इससे पहले, केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश की गयी थी. राज्य में पिछले महीने हुए विधानसभा चुनाव के बाद कोई भी दल सरकार नहीं बना पाया.
वहीं अधिकारियों ने बताया, 'राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने संबंधी उद्घोषणा पर हस्ताक्षर किये महाराष्ट्र विधानसभा निलंबित अवस्था में रहेगी.'
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महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात पर चर्चा के बाद पीएम ब्रिक्स रवाना
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुलाई गई. केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई और प्रदेश में केंद्रीय शासन लगाने का राष्ट्रपति से अनुरोध करने का निर्णय किया गया.
कैबिनेट की बैठक के बाद प्रधानमंत्री ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए ब्राजील रवाना हो गए.
इस घटनाक्रम के बीच राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना के शीर्ष नेता सरकार गठन को लेकर गतिरोध दूर करने और संख्या जुटाने के लिये विचार विमर्श जारी रखे हुए हैं.
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विपक्ष का राज्यपाल पर आरोप
शिवसेना ने सोमवार को दावा किया था कि राकांपा और कांग्रेस ने उसे महाराष्ट्र में भाजपा के बिना सरकार बनाने के लिये सिद्धांत रूप में समर्थन देने का वादा किया है, लेकिन राज्यपाल की ओर से तय समय सीमा समाप्त होने से पहले वह समर्थन का पत्र पेश करने में विफल रही.
कांग्रेस ने मंगलवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करने के लिए उनकी आलोचना की और आरोप लगाया कि उन्होंने 'न्याय का हनन' किया है और संवैधानिक प्रक्रिया का मजाक बनाया है.
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने महाराष्ट्र के राज्यपाल पर राकांपा, शिवसेना और भाजपा को सरकार बनाने के लिए बहुमत साबित करने के लिए 'मनमाने ढंग से' समय देने का आरोप भी लगाया.
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शिवसेना मंगलवार को उच्चतम न्यायालय पहुंची है
वहीं, महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए आवश्यक समर्थन पत्र सौंपने के वास्ते अतिरिक्त समय न देने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के निर्णय के खिलाफ शिवसेना मंगलवार को उच्चतम न्यायालय पहुंची.