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पेड़ की कीमत पता करने में ली जए अर्थशास्त्री और पर्यावरणविद की मदद- उच्चतम न्यायालय - an environmentalist must count value of tree

देश भर में विभिन्न परियोजनाओं के लिए पेड़ों कटाई करने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि पेड़ो की कटाई से पहले उसकी कीमत पता की जाने की जानी चाहिए. इसके लिए अर्थशआस्त्री और पर्यावरण विद की मदद ली जानी चाहिए. पढे़ं विस्तार से....

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मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे

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Published : Feb 18, 2020, 9:14 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 6:48 PM IST

नई दिल्ली : पेड़ों की कीमत का अनुमान लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट केमुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने आज कहा कि इसमें अर्थशास्त्री और पर्यावरणविदों को शामिल करना चाहती है. ताकि पेड़ की ऑक्सीजन की मात्रा का अनुमान लगाया जा सके जो पेड़ अपने जीवनकाल के दौरान निकलता है.

पीठ ने बंगाल में एक ओवरब्रिज के निर्माण के लिए पेड़ काटने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करस रही थी. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि जब परियोजनाओं से लिए पेड़ों को काटने की आवश्यकता समझी जाती है, तो मूल्य कर लिया जाना चाहिए.

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मैं समझता हूं कि आपके पास नए लोगों (जल संरक्षण प्रणालियों) के निर्माण के लिए दिमाग नहीं है, लेकिन नई आप जल संरक्षण प्रणालियों नष्ट कर रहे हैं. आगे अपनी चिंता व्यक्त करते हुए, मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वनों की कटाई इतनी तेज हो रही है कि इससे पहले कि कोई भी कुछ भी समझ पाएि सब कुछ खत्म हो चुका होगा.

इसी तरह के अन्य मामलों को दोहराते हुए बॉम्बे मेट्रो शेड, कोस्टल रोड केस पर बोबडे ने कहा कि ग्रीन कवर को संरक्षित किया जाना चाहिए. साथ ही एक ऐसा विकल्प भी होना चाहिए जिससे पेड़ों को काटने की आवश्यकता न पड़े.

पढ़ें-फादर एंजल स्कूल पर वन विभाग ने ठोका जुर्माना, पेड़ काटने की मिली सजा

रेलवे लाइनों के पास लगभग 800 मौतें हुईं, जिसके कारण सरकार ने 4 किमी फुट ओवरब्रिज बनाने का फैसला किया, जिसके लिए बहुत से पेड़ों को काटना होगा. शीर्ष अदालत ने एक समिति गठित की थी और एक रिपोर्ट मांगी थी कि यह दिखाया जाए कि स्थिति कैसे संतुलित हो सकती है.

अदालत ने मामले की सुनवाई 4 सप्ताह के लिए स्थगित कर दी है और इस बीच समिति एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.

Last Updated : Mar 1, 2020, 6:48 PM IST

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