नई दिल्ली :सुप्रीम कोर्ट ने सेक्स वर्कर्स को राशन न देने पर राज्यों को फटकार लगाई है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के सभी राज्यों को आदेश दिया था कि कोरोना काल में सेक्स वर्कर्स के लिए अलग से स्कीम बना कर उनकी मदद की जाए. कोरोना की वजह से सेक्स वर्कर्स की आय बंद हो गई है और उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को निर्देश दिया था कि वह राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (National AIDS Control Organisation) और विधिक सेवा प्राधिकरणों द्वारा चिह्नित यौनकर्मियों को पहचान का सबूत पेश करने के लिए बाध्य किये बगैर ही शुष्क राशन उपलब्ध कराएं. शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही सभी राज्यों को चार सप्ताह के भीतर इस आदेश के अनुपालन की रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया है. जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस अजय रस्तोगी की पीठ ने कहा कि इन रिपोर्ट में यह विवरण होना चाहिए कि कितने यौनकर्मियों को इस दौरान राशन दिया गया.
उच्चतम न्यायालय बुधवार को सभी राज्यों को अपने आदेश पर एक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिया है. जिसमें यौनकर्मियों को सूखा राशन और पर्याप्त मात्रा में प्रदान करने के निर्देश दिया गया था. पिछली सुनवाई में अदालत ने राज्यों को राशन और धन मुहैया कराने का निर्देश दिया था.
उत्तर प्रदेश सरकार ने उस आदेश को पूरी तरह से लागू करने के लिए और समय मांगा, जिस पर अदालत ने यह कहते हुए असहमति जताई कि दिए गए 4 सप्ताह पर्याप्त थे राज्य की अक्षमता को दर्शाता है.