नई दिल्ली :उच्चतम न्यायालय ने रिश्वतखोरी जैसे अपराधों में 100% कालाधन जब्त करने और आजीवन कारावास की सजा का आकलन करने के लिए केंद्र से निर्देश मांगने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि यह याचिका काल्पनिक है.
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति हृषिकेश की पीठ भाजपा सदस्य और अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
उपाध्याय ने 1993 की वोहरा कमेटी की रिपोर्ट को राजनीति के अपराधीकरण पर एनआईए, सीबीआई, ईडी और एसएफआईओ को सौंपने की भी मांग की थी. जस्टिस कौल ने कहा कि वे संसद को कोई आदेश जारी नहीं कर सकते और याचिकाकर्ता न्यायपालिका सभी भूमिकाओं को अदा करने की उम्मीद नहीं कर सकते.