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आंध्र प्रदेश : निर्वाचन आयुक्त नियुक्ति मामले में जगन सरकार को सुप्रीम कोर्ट से भी झटका

आंध्र प्रदेश के निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति से जुड़े मामले में जगन सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. शीर्ष अदालत ने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील की थी. हाईकोर्ट ने नियुक्ति संबंधित अध्यादेश को खारिज कर दिया था.

SC over AP Election Commissioner
आंध्र निर्वाचन आयुक्त पर सुप्रीम कोर्ट

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Published : Jun 10, 2020, 1:24 PM IST

Updated : Jun 10, 2020, 7:10 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के मुखिया का कार्यकाल पांच साल से घटाकर तीन साल करने संबंधी अध्यादेश निरस्त करने के खिलाफ राज्य सरकार की अपील पर बुधवार को राज्य निर्वाचन आयोग तथा अन्य को नोटिस जारी किए.

प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे, न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की अपील पर वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से सुनवाई करते हुये राज्य निर्वाचन आयोग और एन रमेश कुमार को नोटिस जारी किए.

हालांकि, पीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.

उच्च न्यायालय ने 29 मई को वाईएस जगनमोहन रेड्डी सरकार द्वारा 10 अप्रैल को जारी अध्यादेश निरस्त कर दिया था और रमेश कुमार को राज्य निर्वाचन आयोग के मुखिया पद पर बहाल कर दिया था.

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उच्च न्यायालय ने पूर्व न्यायाधीश वी. कनकराज को राज्य का नया निर्वाचन आयुक्त नियुक्त करने संबंधी सरकारी आदेश भी निरस्त कर दिया था.

मद्रास उच्च न्यायालय के सेवानिृत्त न्यायाधीश वी. कनकराज ने 11 अप्रैल को रमेश कुमार के स्थान पर राज्य के नये निर्वाचन आयुक्त का पद ग्रहण कर लिया था.

राज्य सरकार के इस फैसले को पूर्व नौकरशाह रमेश कुमार और कुछ अन्य लोगों ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी.

राज्य सरकार ने आंध्र प्रदेश पंचायत राज कानून 1994 में संशोधन करके राज्य निर्वाचन आयुक्त का कार्यकाल पांच साल से घटाकर तीन साल करने संबंधी अध्यादेश 10 अप्रैल को लागू किया था.

Last Updated : Jun 10, 2020, 7:10 PM IST

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