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सिक्किम मुख्यमंत्री मामले में केंद्र व राज्य सरकार सर्वोच्च न्यायालय का नोटिस

प्रेम सिंह तमांग की सिक्किम के मुख्यमंत्री पद पर नियुक्ति को लेकर दी गई थी चुनौती. सिक्किम राज्य व केंद्र सरकार को सर्वोच्च न्यायालय नें नोटिस जारी किया है.

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Published : Jul 13, 2019, 9:20 AM IST

सर्वोच्च न्यायालय

नई दिल्लीःसर्वोच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका में सिक्किम राज्य और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत दोषी पाया गया था. जिससे वह मुख्यमंत्री पद के लिए अयोग्य हो जाते हैं. सुप्रीम कोर्ट की बेंच जिसमें CJI रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और अनिरुद्ध बोस, इस जनहित याचिका की सुनवाई रहे थे.


इसी साल मई में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा ने विधान सभा चुनाव में जीत हासिल की थी और प्रेम सिंह तमांग मुख्यमंत्री पद पर नियुक्त किए गए थे. ज्ञात हो कि गाय वितरण घोटाले में दोशी पाए जानें पर 2017 में प्रेम सिंह तमांग जेल जा चुके हैं. पशुपालन मंत्री के पद पर होते हुए प्रेम सिंह तमांग 9.5 रुपए की सरकारी संपत्ती का घोटाला किया था.


आपको बता दें कि कोई भी व्यक्ति जो छह माह से ज्यादा के लिए भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988 के तहत दोषी करार दिया गया हो वह लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत छह साल के लिए चुनाव नहीं लड़ सकता.

क्या है मामलाः
⦁ सिक्किम के मुख्यमंत्री पद पर तमांग की नियुक्ति को चुनौती देती याचिका के संदर्भ में जारी हुआ नोटिस.
⦁ इसी साल मई में प्रेम सिंह तमांग सिक्किम के मुख्यमंत्री पर नियुक्त किए गए थे.
⦁ CJI रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और अनिरुद्ध बोस कर रहे थे याचिका पर सुनवाई.
⦁ तमांग को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया था. 2017 में जा चुके है जेल.
⦁ 1994-99 के बीच पशुपालन मंत्री के पद पर रहते हुए किया था 9.5 लाक का घोटाला.

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