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सुप्रीम कोर्ट में आज होगी निर्भया मामले की सुनवाई

आज निर्भया मामले की सुनावाई की जाएगी. न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ केंद्र की याचिका पर सुनवाई करेगी. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Feb 17, 2020, 12:23 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 2:43 PM IST

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निर्भया के दोषी

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में आज निर्भया मामले की सुनवाई की जाएगी. न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ केंद्र की याचिका पर सुनवाई करेगी. दरअसल, उच्च न्यायालय ने चारों दोषियों की फांसी पर रोक को निरस्त करने से इनकार कर दिया था.

बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने गत शुक्रवार को स्पष्ट कर दिया था कि निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले में चार दोषियों को अलग-अलग फांसी दिए जाने की मांग करने वाली केंद्र की याचिका का लंबित रहना, दोषियों को फांसी के लिए निचली अदालत द्वारा नई तारीख जारी करने की राह में आड़े नहीं आएगा.

उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि दोषियों की कोई याचिका शीर्ष न्यायालय के समक्ष लंबित नहीं है और उनमें से तीन की दया याचिकाएं राष्ट्रपति द्वारा खारिज की जा चुकी हैं, जबकि चौथे दोषी ने अब तक दया याचिका देने का विकल्प नहीं चुना है, ऐसे में निचली अदालत फांसी के लिए नई तारीख जारी कर सकती है.

पीठ ने कहा था कि हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि इन याचिकाओं के लंबित रहने को निचली अदालत द्वारा इस विषय पर अपने अनुसार विचार करने से एक रूकावट के तौर पर नहीं लिया जाए.

न्यायालय ने मामले में मौत की सजा का सामना कर रहे दोषी विनय शर्मा की दया याचिका राष्ट्रपति द्वारा खारिज किए जाने के खिलाफ दायर उसकी याचिका खारिज कर दी. इस तरह शीर्ष न्यायालय ने उसे फांसी दिए जाने का रास्ता साफ कर दिया है.

केंद्र की ओर से पेश सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि निचली अदालत ने 13 फरवरी को तिहाड़ अधिकारियों की उस याचिका को स्थगित कर दिया था जिसके जरिए 17 फरवरी को दोषियों को फांसी देने की मांग की गई थी. अदालत ने इस तथ्य पर गौर किया था कि विनय शर्मा की दया याचिका को खारिज करने को चुनौती देने वाली याचिका शीर्ष न्यायालय में लंबित है.

पीठ ने कहा कि शर्मा की याचिका आज खारिज हो गई और निचली अदालत इस विषय में आगे बढ़ सकती है

मेहता ने कहा था कि तीन दोषियों मुकेश कुमार सिंह, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह ने दया याचिकाएं दायर कर अपने संवैधानिक विकल्पों का इस्तेमाल कर लिया है.

इस पर पीठ ने कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी को राहत पाने के विकल्पों का उपयोग करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता.

क्या है पूरा मामला...
निर्भया से 16-17 दिसंबर, 2012 को दक्षिणी दिल्ली में चलती बस में छह लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया और दरिंदगी के बाद उसे सड़क पर फेंक दिया था. निर्भया की बाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गयी थी.

मामले के छह आरोपियों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी, जबकि छठा आरोपी किशोर था, जिसे तीन साल सुधार गृह में रखने के बाद 2015 में रिहा कर दिया गया.

Last Updated : Mar 1, 2020, 2:43 PM IST

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