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शराब की ऑनलाइन बिक्री और होम डिलेवरी पर सरकारें विचार करे: न्यायालय

सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान शराब की बिक्री पर स्पष्टता और दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग बनाए जाने की एक याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया.

sc off a petition seeking clarity on the sale of liquor
sc disposes off a petition seeking clarity on the sale of liquor

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Published : May 8, 2020, 2:37 PM IST

Updated : May 8, 2020, 6:22 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने शराब खरीदने के लिये दुकानों पर लग रही भारी भीड़ से कोरोना वायरस संक्रमण के फैलने को रोकने के इरादे से शुक्रवार को राज्यों से कहा कि वे लॉकडाउन के दौरान इसकी ऑन लाइन बिक्री और होम डिलेवरी करने की संभावना पर विचार करें.

न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने शराब की बिक्री की अनुमति देने के गृह मंत्रालय के एक मई के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान राज्यों को यह निर्देश दिया. पीठ ने इसके साथ ही शराब बिक्री से संबंधित दिशा निर्देशों के खिलाफ दायर याचिका का निबटारा कर दिया.

याचिकाकर्ता गुरूस्वामी नटराज के वकील साई दीपक ने सुनवाई के बाद बताया कि पीठ ने लॉकडाउन के दौरान शराब की बिक्री के लिये सीधे संपर्क विहीन या फिर ऑन लाइन बिक्री या होम डिलेवरी जैसे उपायों पर विचार करने का निर्देश दिया है.

याचिका पर सुनवाई के दौरान उन्होंने दलील दी कि देश में 70, 000 से ज्यादा शराब की दुकानें है और पांच करोड़ से ज्यादा लोगों ने अभी तक इन दुकानों से शराब खरीदी है.

उन्होंने कहा कि इस दौरान शराब की दुकानों पर सामाजिक दूरी के नियमों का पालन नहीं किया गया जिसकी वजह से कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों में वृद्धि हुयी है. उन्होने कहा कि सामाजिक दूरी बनाये रखने के नियमों का पालन नहीं होने की वजह से एक महीने के लॉकडाउन की उपलब्धियां व्यर्थ होने लगी हैं.

दीपक ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कानून के तहत देश को कोविड-19 महामारी से मुक्त घोषित किये जाने तक की अवधि के लिये गृह मंत्रालय को शराब की दुकानों पर इसकी बिक्री पर प्रतिबंध लगाकर इसकी ऑनलाइन बिक्री और होम डिलेवरी के निर्देश जारी करने चाहिए.

इस पर पीठ ने कहा कि शराब की ऑन लाइन बिक्री और इसकी होम डिलेवरी के बारे मे चर्चा चल रही है.

दीपक ने कहा कि वह सिर्फ इतना चाहते हैं कि शराब की सीधे बिक्री होने की वजह से आम आदमी की जिंदगी प्रभावित नहीं होनी चाहिए और इसलिए गृह मंत्रालय को इस बारे में राज्यों को स्पष्टीकरण के साथ दिशानिर्देश देने चाहिए.

इस पर पीठ ने शराब की आन लाइन बिक्री और होम डिलेवरी जैसे विकल्पों पर विचार करने का सरकार को निर्देश दिया और याचिका का निबटारा कर दिया.

गृह मंत्रालय ने एक मई को नये दिशा निर्देश जारी करते हुये कुछ मामलों में लॉकडाउन में ढील दी थी और इस प्रक्रिया में उसने कोविड-19 के संक्रमण की गंभीरता के आधार पर जिलों को ग्रीन , आरेंज और रेड जोन में रखा था.

नये दिशा निर्देशों में शराब, पान, तंबाकू और पानी की बिक्री की अनुमति दी गयी थी लेकिन इसके लिये न्यूनतम छह फुट की दूरी बनाये रखना अनिवार्य था. हालांकि, लॉकडाउन के दौरान सार्वजनिक रूप से शराब का सेवन या पान, गुटखा और तंबाकू खाना प्रतिबंधित है.

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