दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

निर्वाचन आयोग पीएम और शाह के खिलाफ शिकायतों पर छह मई तक ले फैसला: SC

कांग्रेस ने पीएम मोदी और अमित शाह पर आरोप लगाए हैं कि, उन्होंने कथित रूप से आचार संहिता का उल्लंघन किया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं. जानें पूरी खबर क्या है.

मोदी और शाह के खिलाफ शिकायत पर कोर्ट ने दिया ईसी को निर्णय का आदेश

By

Published : May 2, 2019, 6:10 PM IST

Updated : May 2, 2019, 9:43 PM IST

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा प्रमुख अमित शाह द्वारा कथित रूप से आचार संहिता का उल्लंघन करने संबंधी कांग्रेस की नौ शिकायतों पर छह मई तक निर्णय ले.

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ को निर्वाचन आयोग ने सूचित किया कि मोदी और शाह के खिलाफ आचार संहिता के कथित उल्लंघन के संबंध में कांग्रेस की 11 में से दो शिकायतों पर फैसला किया जा चुका है.

बता दें, कांग्रेस पार्टी की सांसद सुश्मिता देव ने पीएम मोदी व अमित शाह पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है, उनका आरोप है कि सेना के नाम पर मतदाताओं से अपील कर आचार संहिता का उल्लंघन किया गया है,

असम के सिलचर से कांग्रेस की सांसद सुष्मिता देव की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उन्होंने इन दोनों के खिलाफ आयोग में 11 शिकायतें की थीं लेकिन अभी तक सिर्फ दो पर ही फैसला हुआ है.

पढ़ेंः मोदी के खिलाफ फिर से EC पहुंची कांग्रेस, नीति आयोग को भी लपेटा

पीठ ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ताओं के शेष प्रतिवेदनों पर निर्वाचन आयोग इस मामले में सोमवार को (छह मई) सुनवाई होने से पहले निर्णय लेगा.’’

पोल पैनल ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि उन्होंने पहले ही 11 में से दो शिकायतों पर फैसला किया है, जो कांग्रेस पार्टी ने मोदी और शाह के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन के लिए दायर की थी.

इस मुद्दे पर शीर्ष अदालत में कांग्रेस की लोकसभा सांसद सुष्मिता देव की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उन्होंने दोनों (मोदी, शाह) के खिलाफ चुनाव आयोग को 11 अभ्यावेदन दिए हैं लेकिन उन्होंने फैसला केवल दो पर ही लिया है.

जस्टिस दीपक गुप्ता और संजीव खन्ना ने कहा कि याचिकाकर्ताओं की शेष शिकायतों का फैसला चुनाव आयोग द्वारा सोमवार (6 मई) को फिर से किया जाएगा.

पोल पैनल ने पीएम के दो भाषणों के लिए उन्हें क्लीन चिट दे दी है - एक लातूर में पिछले महीने मतदाताओं से पुलवामा हमले में मारे गए बालाकोट हवाई हमले के नायकों और सैनिकों के नाम पर वोट मांगे, और दूसरा वर्धा में 1 अप्रैल को कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी पर तंज कसते हुए पीएम ने यह संकेत भी दिया कि केरल निर्वाचन क्षेत्र में अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाताओं की संख्या अधिक थी.

पढ़ेंः चुनाव आयोग ने राहुल को भेजा नोटिस, 48 घंटों में जवाब मांगा

सुश्मिता देव ने आरोप लगाया है कि भाजपा नेता पिछले चार हफ्तों के दौरान एमसीसी का उल्लंघन कर रहे हैं और चुनाव आयोग ने अभी तक कांग्रेस पीएम मोदी और शाह के खिलाफ दर्ज शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की है.

उनका आरोप है कि चुनाव आयोग की पाबंदियों के बावजूद सार्वजनिक क्षेत्र में बार बार राजनैतिक प्रचार के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया.

सिल्चर सांसद ने कहा कि उन्होंने मोदी और शाह के खिलाफ ईसी के सामने कई समय से की गई शिकायत को कोर्ट के सामने रखने पर मजबूर हुई हैं जिससे शिकायतों पर कार्यवाही में तेजी हो.

चुनाव आयोग की ओर से कोई प्रतिक्रिया न करने का आरोप लगाते हुए, दलील में कहा गया है कि "कड़े सबूतों के बावजूद" कार्रवाई नहीं की जा रही है.

याचिका में कहा गया है कि चुनाव आयोग द्वारा कोई प्रतिक्रिया न देना, चूक करना और कमीशन, संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का पूरी तरह उल्लंघन है. और यह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों को बाधित कर रहे हैं.

याचिका में राजनीतिक पार्टियों और उम्मीदवारों को अपने राजनीतिक प्रचार के लिए सशस्त्र बलों की तस्वीरों का उपयोग करने और धर्मों के उपयोग पर रोक शामिल है.

इन सभी नियमों का उद्देश्य किसी प्रकार की स्थिति, प्रभाव या विचारधारा की परवाह किए बिना उम्मीदवारों के लिए एक स्तर को सुनिश्चित करना है.

दलील में कहा गया है कि संविधान के तहत, पोल पैनल स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव का प्रहरी है, जिसका कर्तव्य है कि वह किसी भी प्रकार के दबाव को दरकिनार करे. यह पता लगाता है कि आगामी चुनाव में किसी प्रकार की बाधा है या नहीं, ताकि मतदाताओं के अधिकारों व लोकतंत्र की मर्यादा को बरकरार रखा जा सके.

Last Updated : May 2, 2019, 9:43 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details