नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट गुजरात में राज्यसभा चुनाव को लेकर सुनवाई करने को तैयार है.
बता दें कांग्रेस के नेता परेशभाई धनानी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग के निर्णय के खिलाफ याचिका दाखिल की थी.
गौरतलब है कि अमित शाह और स्मृति ईरानी के लोकसभा में निर्वाचित होने के बाद उन्होंने राज्यसभा पद से स्तीफा दे दिया था जिसके बाद चुनाव आयोग ने खाली हु़ई राज्यसभा की सीटों पर चुनाव कराने का फैसला लिया था.
चुनाव आयोग को SC के नोटिस पर जानकारी देते वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा चुनाव आयोग के इसी फैसले पर आपत्ति जताते हुए कांग्रेस नेता ने याचिका दायर की थी.
उन्होंने शाह और स्मृति द्वारा खाली हुई सीटों पर एक साथ चुनाव कराने की मांग की है. उन्होंने अपनी याचिका में लिखा है कि एक ही दिन दोनों सीटों पर अलग अलग चुनाव कराना असंवैधानिक होने के साथ साथ संविधान की भावना के भी खिलाफ है.
न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और सूर्यकांत की बेंच ने मंगलवार को एमएलए की याचिका को सुनने के लिए सहमति जताई है.
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आपको बता दें परेशभाई धनाई ने अपनी याचिका में दावा किया है कि अगर दोनों चुनाव अलग-अलग होते हैं, तो सत्ता में सरकार अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर सकती है और अधिकतम सीटें भी अरेंज कर सकती है.
यह संविधान और द रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट 1951 के सिंगल ट्रांसफरेबल वोट के माध्यम से आनुपातिक प्रतिनिधित्व की स्कीम को भी डिस्टर्ब कर सकता है.
कांग्रेस का आरोप है कि दोनों लोकसभा उम्मीदवारों के लिए मतगणना एक साथ आयोजित की गई थी. हालांकि कुछ गड़बड़ी के चलते अमेठी के लिए रिजल्ट बाद में घोषित किया गया था. इसलिए आरएस चुनाव एक साथ होने चाहिए.
चुनावों की घोषणा करते हुए 5 जुलाई को हुए मतदान पैनल ने कहा कि वैकेंसी अलग थीं और मतदान और सूचनाएं अलग-अलग तरीके से की जानी थीं, हालांकि शेड्यूल एक ही हो सकता है.