नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ शुक्रवार को एक याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें महाराष्ट्र के मराठा समुदाय को दी गई शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण की अनुमति दी जाती है.
आपको बता दें, सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका एक एनजीओ 'यूथ फॉर इक्वलिटी' ने दायर की थी.
गौरतलब है कि जून में बॉम्बे उच्च न्यायालय ने सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग (SEBC) श्रेणी के तहत मराठा समुदाय को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की वैधता को बरकरार रखा था लेकिन इसे 16 प्रतिशत से कम कर दिया था.
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अदालत ने 16 प्रतिशत आरक्षण को कम करते हुए शिक्षा में 12 प्रतिशत और रोजगार में 13 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी देते हुए कहा कि इससे ज्यादा आरक्षण देना उचित नहीं है.
इस संबंध में न्यायाधीश रंजीत मोरे और न्यायाधीश भारती डांगरे की खंडपीठ ने यह भी कहा कि सरकार SEBC के लिए एक अलग श्रेणी बनाने और उन्हें आरक्षण देने का अधिकार रखती है.
गौरतलब है, यह फैसला राज्य सरकार के 29 नवंबर 2018 के दिये गए फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं के संबंध में आया, जिसमें SEBC श्रेणी के तहत मराठा समुदाय को 16 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है.