नई दिल्ली: सऊदी अरब ने भारत से हज यात्रा पर जाने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ाने पर सहमति दे दी है. अब हर साल दो लाख श्रद्धालु मक्का मदीना की तीर्थ यात्रा कर सकेंगे.
हज यात्रियों का कोटा बढ़ने की सूचना दरअसल, गत फरवरी माह में सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान भारत दौरे पर आए थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुलाकात के दौरान उनसे हज यात्रियों का कोटा बढ़ाने की अपील की थी.
फरवरी में नई दिल्ली पहुंचे प्रिंस सलमान के साथ पीएम मोदी और राष्ट्रपति कोविंद इसके बाद आज सऊदी सरकार ने इस आशय का एक औपचारिक आदेश जारी कर दिया. इस आदेश के बाद अब दो लाख लोग सऊदी के मक्का मदीना का दौरा कर सकेंगे.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इस फैसले के बाद बड़े राज्यों के श्रद्धालु हज यात्रा कर सकेंगे.
उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और बिहार के मुसलमान श्रद्धालुओं का आवेदन बड़ी संख्या में लंबित था. ऐसे में कोटा बढ़ने के बाद इनकी यात्रा सुनिश्चित की जाएगी.
सूत्रों के मुताबिक कोटा बढ़ने के बाद इन राज्यों के आवेदकों की वेटिंग लिस्ट क्लीयर हो गई है. अब इन राज्यों के श्रद्धालु तीर्थ पर जा सकेंगे.
सूत्रों के मुताबिक इस साल रिकॉर्ड संख्या में लगभग दो लाख लोग हज यात्रा करेंगे. इस पर कोई सब्सिडी नहीं मिलेगी.
लगभग 2340 भारतीय मुसलमान महिलाएं हज यात्रा पर जाएंगी. इनके साथ कोई भी पुरूष सहचर या साथी (मेहरम) नहीं होगा.
मेहरम क्या है
मेहरम का मतलब है पिता, भाई, बेटा... (जिसके साथ मुस्लिम महिला शादी नहीं कर सकती).
शरीयत के मुताबिक एक इस्लामिक महिला अकेले 78 किलोमीटर से अधिक यात्रा नहीं कर सकती. इससे लंबी दूरी की यात्रा करने के लिए उसके साथ पुरुष साथी (मेहरम) का होना जरूरी है.
शरीयत को शरीया कानून और इस्लामी कानून भी कहा जाता है. ये इस्लाम में धार्मिक कानून का नाम है.
लगातार तीसरे साल बढ़ा कोटा
फरवरी माह में नई दिल्ली में पीएम मोदी से भेंट के बाद प्रिंस सलमान ने यात्रियों का कोटा बढा़ने का एलान किया था. हज यात्रियों के कोटे में ये लगातार तीसरे साल की गई बढ़ोतरी है. इससे पहले 2018 में सऊदी सरकार ने 1.75 लाख यात्रियों को हज यात्रा की अनुमति दी थी.
हज सब्सिडी हटाने का फैसला
केंद्र सरकार ने हज यात्रा के बारे में नई पॉलिसी बनाने के लिए अफजल अमानुल्लाह की अगुवाई में छह सदस्यीय समिति गठित की थी. अफजल भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी रह चुके हैं. अमानुल्लाह हज समिति ने 2018 से 2022 के लिए एक मसौदा (ड्राफ़्ट) तैयार कर, भारत सरकार को कुछ अहम सुझाव दिए.
हज सब्सिडी को खत्म करने की सिफारिश अमानुल्लाह समिति ने ही की थी. भारत सरकार ने इस सिफारिश को भी स्वीकार कर लिया.
हज सब्जिडी खत्म होने के बाद साल 2018 में विमानन कंपनियों को 57 करोड़ रुपये कम भुगतान किया गया.
साल 2018 की शुरुआत में हज सब्सिडी समाप्त होने के बाद रिकॉर्ड 1,75,025 भारतीय सऊदी अरब बिना सब्सिडी के यात्रा कर चुके हैं.
मेहरम के बिना हज यात्रा की सिफारिश
अमानुल्लाह समिति ने अपने सुझावों में महिलाओं को बिना मेहरम के हज यात्रा की अनुमति दिए जाने की सिफारिश की थी.
अमानुल्लाह समिति ने कहा था कि 45 वर्ष की आयु से अधिक महिला हज यात्री को पुरुष साथी (मेहरम) के बिना हज यात्रा करने की अनुमति दी जानी चाहिए.
केंद्र सरकार द्वारा इस सुझाव को स्वीकार करने के बाद मेहरम के बिना हज यात्रा का रास्ता खुल गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो प्रसारण 'मन की बात' में इस फैसले का एलान किया था. अब वयस्क मुस्लिम महिलाएं 'चार का समूह' बना कर बिना किसी पुरुष साथी (मेहरम) के हज यात्रा पर जा सकती हैं.
3.50 लाख से ज्यादा आवेदन मिले
2018 में हज के लिए कुल 3,55,604 आवेदन जमा किए गए. इनमें 1,89,217 पुरुष तथा 1,66,387 महिलाएं आवेदनकर्ता थे. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के मुताबिक 2018 में पहली बार भारत से 1,308 महिलाएं बिना मेहरम के हज यात्रा पर गईं.