गया :बिहार की धार्मिक नगरी गया में कचरा चुनने वाले बच्चे और बच्चियों के लिए सत्यावती देवी किसी वरदान से कम नहीं है, जो इनकी लाचार जिंदगी में शिक्षा के माध्यम से जान डालने का काम कर रही हैं. वो भी बिना किसी गुरू दक्षिणा के. इनकी लगन और मेहनत के बल पर इन गरीब बच्चों ने गीता पाठ सहित अनेक श्लोक कंठस्थ याद हैं.
दरअसल, गया शहर के वार्ड नं 41 के शाहमीर तकिया मुहल्ला में पहाड़ पर बसे स्लम एरिया में एक महिला आवारा घूमने और काम करनेवाले बच्चों को पिछले तीन सालों से शिक्षा दे रही हैं. बच्चों को इन तीन साल में सत्यावती देवी ने संस्कृत में बहुत कुछ सिखा दिया है. इनके संस्कृत के शब्द और श्लोक सुनकर हर कोई हैरान रह जाता है.
सत्यावती देवी के पास सिर्फ गरीब कचरा चुनने वाले बच्चे ही नहीं अंग्रेजी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे भी आते हैं, जो काफी लगन से संस्कृत की पढ़ाई करते हैं. तीन वर्षीय एक बच्चा तोतली आवाज में पूरी शिव तांडव एक लय में गा देता है.
'मैं निजी अंग्रेजी स्कूल में पढ़ता हूं, वहां संस्कृत की पढ़ाई नहीं होती है. यहां मेरे अभिभावक संस्कृत पढ़ने के लिए भेजते है यहां गीता पाठ, शिव तांडव से लेकर दर्जनों मंत्र का श्लोक सीख लिया है'- आशीष कुमार, छात्र
एक बच्चे ने बताया कि मैं लकड़ी काटने जाता हूं. मैं हर दिन समय से आकर स्कूल में पढ़ता हूं. यहां एक-एक शब्द को इंग्लिश, हिंदी और संस्कृत तीनों में सिखाया जाता है. हमलोग को संस्कृत शब्द खूब भाता है.