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नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : हैदराबाद के इंजीनियर ने कचरे से ईंधन बनाने का ढूंढा नया तरीका -

सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के लिए देश में अभियान चल रहा है. ईटीवी भारत भी इस मुहिम का एक अहम हिस्सा बना है. इसकी थीम 'नो प्लास्टिक, लाइफ फैंटास्टिक' रखी गई है. देखें इस मुहिम की 15वीं कड़ी पर विशेष रिपोर्ट...

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प्लास्टिक से ईंधन बनाते हैं सतीश कुमार

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Published : Dec 26, 2019, 7:02 AM IST

Updated : Dec 26, 2019, 7:30 AM IST

हैदराबाद : अगर कुछ कर गुजरने की चाह हो तो कुछ भी नामुमकिन नहीं. इसे चरितार्थ किया है 45 वर्षीय मैकेनिकल इंजीनियर सतीश कुमार ने. हैदराबाद के सतीश कुमार ने प्लास्टिक से ईंधन बनाने का एक नया तरीका विकसित किया है. सतीश पेशे से प्रोफेसर भी हैं.

ईंधन बनाने के लिए सतीश तीन चरणों की में काम करते हैं. वे इस प्रक्रिया को प्लास्टिक पायरोलिसिस कहते हैं. सतीश ने इस काम के लिए एक कंपनी भी स्थापित की है. उनकी ये कंपनी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम यानि MSME मंत्रालय के साथ पंजीकृत है.

प्लास्टिक से ईंधन बनाते हैं सतीश कुमार, देखें खास रिपोर्ट

सतीश कुमार ने प्लास्टिक का उपयोग करके डीजल, केरोसिन और पेट्रोल जैसे सिंथेटिक ईंधन का उत्पादन किया है. वह ऐसे प्लास्टिक का इस्तेमाल करते हैं जिसे रिसाइकिल नहीं किया जा सकता.

तीन चरणों वाली रिवर्स इंजीनियरिंग प्रक्रिया से पहले प्लास्टिक को वैक्यूम एनवायरमेंट में अप्रत्यक्ष रूप से गर्म किया जाता है. इसके बाद प्लास्टिक को डी-पॉलिमराइजेशन, गैसीफिकेशन और सबसे अंत में कंडेन्शेसन की प्रक्रिया से गुजारा जाता है.

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इस प्रक्रिया से निर्मित सिंथेटिक ईंधन पेट्रोल की तरह ही ज्वलनशील होता है. हालांकि, दोनों पदार्थ समान नहीं हैं.

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सतीश कुमार ने बताया कि यह पहल वर्तमान में उद्योगों के लिए काफी मददगार साबित हो रही है. यह निश्चित रूप से पर्यावरण की बेहतरी के लिए है.

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Last Updated : Dec 26, 2019, 7:30 AM IST

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