चेन्नई : जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं सत्तारूढ़ AIADMK और दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की विश्वासपात्र वीके शशिकला के बीच दुरियां कम होती जा रही हैं. लेकिन, आरएसएस विचारक और तुगलक के संपादक एस गुरुमूर्ति को DMK को हराने और AIADMK को मजबूत करने के लिए शशिकला का NDA में आना रास नहीं आ रहा है.
उन्होंने अपने एक बयान में शशिकला के परिवार की तुलना 'सीवर' से की, जिसने आग में घी डालने का काम किया है.
दोनों गुटों के एक साथ आने को सही ठहराते हुए, उन्होंने तर्क दिया कि एंटी-इनकंबेंसी रोकने लिए AIADMK और भाजपा दोनों को मिलकर DMK का सामना करना होगा.
गुरुवार को तुगलक पत्रिका की 51वीं वर्षगांठ पर एक पाठक के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब घर में आग लगी होती है, तो हम गंगा जल की प्रतीक्षा नहीं करते हैं, लेकिन जो कुछ भी मिलता है, उससे आग बुझाने की कोशिश करते हैं. यहां तक कि सीवर भी डालते हैं.
गौरतलब है कि उन्होंने यह टिप्पणी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में की.
हालांकि, एक दिन बाद उनहोंने इस मामले में स्पष्टिकरण देते हुए कहा मैं अभी भी DMK (AMMK) को मन्नारगुडी माफिया के रूप में मानता हूं. यहां तक कि अगर वे भाजपा-एडीएमके गठबंधन का हिस्सा बन जाते हैं, तो मैं उन्हें केवल माफिया के रूप में मानूंगा, जैसे कि हम चंद्रस्वामी को सीवर मानते थे. हम तुगलक में मन्नारगुडी परिवार को माफिया के रूप में मानते रहेंगे और हमारी राय नहीं बदलेगी.
बता दें कि भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 'मन्नारगुडी माफिया' शब्द गढ़ा था.