नई दिल्ली : करतारपुर कॉरिडोर को खुले चार दिन हो चुके हैं. लेकिन गुरुनानक देव की 550वीं जयंती के मौके पर भारत से कम श्रद्धालु ही वहां गये. अनुमान लगाया जा रहा था कि करतारपुर साहिब में श्रद्धालुओं की संख्या काफी ज्यादा होगी, लेकिन हालात बिल्कुल विपरीत हैं.
करतारपुर साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं की कम संख्या को लेकर ईटीवी भारत ने भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सरदार आरपी सिंह से खास बातचीत की. उनका कहना था कि इस बार कई तरह के कर लगाये गये हैं, जिस कारण वहां कम श्रद्धालु देखने को मिले.
गौरतलब है कि भारत और पाक के बीच श्रद्धालुओं की संख्या को लेकर जो करार हुआ था उसमें यह तय किया गया था कि प्रतिदिन 5000 से ज्यादा श्रद्धालु नहीं जा सकेंगे, लेकिन हालात कुछ ऐसे हैं कि 5000 तो दूर बल्कि उद्घाटन के बाद पहले तीन दिनों में मात्र 897 श्रद्धालु ही करतारपुर साहिब पहुंचे.
अधिकारियों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, 10 नवम्बर को करतारपुर गलियारे का माध्यम से दरबार साहिब जाने वाले यात्रियों की संख्या 229 थी वहीं 11 नवम्बर को यह संख्या 122 तक सिमट गयी.
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि गुरु पर्व के दिन श्रद्धालुओं की संख्या 5000 से भी ज्यादा हो सकती है, लेकिन उस दिन सिख श्रद्धालुओं की संख्या मात्र 546 ही रही.
इसका मुख्य कारण पाक द्वारा जजिया कर लगाया जाना, पासपोर्ट से संबंधित परेशानियां और लोगों में ऑनलाइन पंजीकरण की जागरूकता का अभाव बताया जा रहा है.
आरपी सिंह ने कहा कि भाजपा की ओर से पहले भी यह मांग उठाई गई थी कि पाकिस्तान सरकार 20 डॉलर का सेवा शुल्क हटा दे, जिस पर पाक ने कोई जवाब नहीं दिया.