मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिवसेना सांसद संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को पीएमसी बैंक धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए 29 दिसंबर को तलब किया है. इस पर शिवसेना नेता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विपक्ष पर हमला बोला है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि घर की महिलाओं को टारगेट करना कायरता का कृत्य है. हम किसी से डर नहीं रहे हैं. हम मांगे गए जवाब के अनुसार ही प्रतिक्रिया देंगे. ईडी को कुछ पेपर चाहिए थे, जिसे हमनें समय पर जमा कर दिए हैं.
राउत ने कहा कि इस देश में भाजपा में ऐसे बड़े-बड़े सूरमा बैठे हैं, अगर मैं उनके परिवार तक पहुंचा, तो आपको देश छोड़कर भागना पड़ेगा.
ये सब राजनीति से प्रेरित
उन्होंने कहा कि ये सब राजनीति से प्रेरित है, दस साल पुराना एक केस ईडी ने निकाला है. हम मिडिल क्लास लोग हैं. मेरी पत्नी एक शिक्षिका हैं उसने अपने दोस्त से दस साल पहले 50 लाख का कर्जा लिया था, इसमें ई़डी और भाजपा को क्या तकलीफ है?
उन्होंने कहा कि मेरे पास एक साल से बीजेपी के परिवार से कुछ लोग आ रहे हैं, वो बार-बार मुझे ये कहने की कोशिश करते हैं कि ये सरकार हम किसी भी हालत में गिराने वाले हैं, हमारे पास केंद्र की सत्ता है, ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स है.
राउत ने ईडी को भाजपा का तोता करार दिया है. राउत ने कहा कि भाजपा विपक्ष को परेशान करने के लिए सीबीआई और ईडी का उपयोग कर रही है.
संजय राउत ने कहा कि ईडी हमारे लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा नहीं है. सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स एक समय महत्वपूर्ण थे. इन तीनों संस्थानों में गंभीरता थी. हालांकि, अब लोगों ने मान लिया है कि ईडी की कार्रवाई एक राजनीतिक कार्रवाई है.
अनिल देशमुख का बयान
इससे पहले महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने केंद्र पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि भाजपा की नीतियों या नेताओं के खिलाफ बोलने वालों को केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है.
राकांपा के वरिष्ठ नेता देशमुख ने संवाददाताओं से कहा था कि महाराष्ट्र में राजनीतिक मकसद से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का इस्तेमाल पहले कभी नहीं हुआ था.
उन्होंने कहा था कि भाजपा के नेताओं या उनकी नीतियों के खिलाफ बोलने वालों को ईडी या सीबीआई का सामना करना पड़ रहा है. जहां तक केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की बात है, हमने फैसला किया था कि एजेंसी को महाराष्ट्र में किसी भी तरह की जांच के पहले राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी.
ईडी ने पिछले साल अक्टूबर में पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक में कथित ऋण धोखाधड़ी की जांच के लिए हाउसिंग डेवलपमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल), उसके प्रमोटर राकेश कुमार वधावन और उनके बेटे सारंग वधावन, उसके पूर्व अध्यक्ष वी. सिंह और पूर्व प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस के खिलाफ पीएमएलए के एक मामला दर्ज किया था.
एजेंसी ने पीएमसी बैंक को कथित रूप से प्रथम दृष्टया गलत तरीके से 4,355 करोड़ रुपये का नुकसान और खुद को लाभ पहुंचाने के लिए उनके खिलाफ मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज प्राथमिकी पर संज्ञान लिया था.
राकांपा और कांग्रेस के साथ महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महागठबंधन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) का हिस्सा शिवसेना, ने पहले आरोप लगाया था कि केंद्रीय जांच एजेंसियां उन्हें गलत तरीके से निशाना बना रही हैं.
हाल ही में शरद पवार की पार्टी राकांपा में शामिल हुए भाजपा के पूर्व नेता एकनाथ खडसे को भी ईडी ने पुणे के भोसरी इलाके में एक भूमि सौदे से जुड़े धनशोधन मामले के संबंध में 30 दिसंबर को पूछताछ के लिए तलब किया है.