नई दिल्ली : बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने लोकसभा में माफी मांगी है. उन्होंने नाथूराम गोडसे को कथित तौर से देशभक्त बताया था.
लोकसभा में हुए हंगामे के बाद स्पीकर ओम बिरला ने सर्वदलीय बैठक बुलाई. दोपहर 2.30 बजे के बाद दोबारा शुरू हुई सदन की कार्यवाही में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा, '27 नवंबर को, विशेष सुरक्षा समूह (संशोधन) विधेयक, 2019 पर चर्चा के दौरान, मैंने नाथूराम गोडसे को 'देशभक्त' नहीं कहा. मैंने उसका नाम भी नहीं लिया.' अगर मैंने किसी की भावना को आहत किया है तो मैं फिर से माफी मांगती हूं.'
इससे पहले शुक्रवार को लोकसभा में बोलते हुए साध्वी प्रज्ञा ने कहा, बीते सदन में मेरे द्वारा की गई टिप्पणी से यदि किसी को किसी प्रकार की ठेस पहुंची हो तो मैं खेद प्रकट कर क्षमा चाहती हूं. लेकिन मैं यह भी कहना चाहती हूं कि संसद में दिए मेरे बयानों को तोड़ मरोड़ कर गलत ढंग से पेश किया गया है.
बकौल प्रज्ञा ठाकुर, मेरे बयान का संदर्भ कुछ और था, जिसे गलत ढंग से इस रूप में प्रस्तुत कर दिया गया. जिस प्रकार से मेरे बयान को तोड़ा मरोड़ा गया है वह निंदनीय है. उन्होंने कहा. महात्मा गांधी द्वारा देश के प्रति सेवा कार्य का मैं श्रद्धा और सम्मान करती हूं.'
बिना नाम लिए राहुल गांधी के ट्वीट का जिक्र करते हुए प्रज्ञा ठाकुर ने कहा, 'मैं सदन को ध्यान दिलाना चाहूंगी कि इसी सदन के एक माननीय सदस्य द्वारा मुझे सार्वजनिक तौर पर आतंकवादी कहा गया, मेरे द्वारा तत्कालीन सरकार द्वारा रचे गए षड्यंत्रों के बावजूद अदालत में मेरे खिलाफ कोई आरोप सिद्ध नहीं हुआ है. बिना दोषी सिद्ध हुए मुझे आतंकवादी कहना कानून के खिलाफ है.'
प्रज्ञा ने कहा, बिना कोई आरोप सिद्ध हुए मुझे आतंकवादी बताना एक महिला और सन्यासी के नाते एक सांसद के नाते मेरे सम्मान पर हमला करके मुझे अपमानित करने का प्रयास किया गया है. एक महिला होते हुए तत्कालीन सरकार द्वारा षड्यंत्र रचकर शारीरिक, मानसिक रूप से मुझे प्रताड़ित किया गया है.
बीजेपी सांसद के बयान के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा,'हमारी एक ही मांग है, हम बिना शर्त माफी मांगने की मांग करते हैं.'
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, कि गांधी की हत्या से भी बदतर एक सांसद को आतंकी बताना है. उन्होंने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने की मांग भी की.