तिरुवनंतपुरम : केरल में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले विपक्षी कांग्रेस नीत यूडीएफ ने रविवार को राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और माकपा को चुनौती दी कि वे सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे पर पाक साफ होकर सामने आयें.
विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने सवाल किया, 'सबरीमला पर माकपा और मुख्यमंत्री का क्या रुख है? क्या वे भक्तों के साथ हैं? क्या उनमें यह कहने की हिम्मत है कि वे भक्तों के साथ हैं? क्या मुख्यमंत्री एक पुनर्जागरण नेता की अपनी नकली छवि को छोड़ेंगे?'
एलडीएफ सरकार ने एक जनवरी, 2019 को 620 किमी लंबी एक मानव श्रृंखला बनायी थी जिसमें कासरगोड के उत्तरी छोर से यहां दक्षिणी हिस्से तक की लाखों महिलाएं लैंगिक समानता को लेकर राज्य प्रायोजित एक पहल में शामिल हुई थीं.
यह मानव श्रृंखला एलडीएफ सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू करने के निर्णय के बाद सबरीमाला में भगवान अय्यप्पा के भक्तों द्वारा विरोध प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में बनायी गई थी. उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में सभी महिलाओं को भगवान अयप्पा मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी थी.
चेन्निथला ने भी कहा कि विजयन स्पष्ट करें कि क्या पार्टी और वाम मोर्चो के रुख में इस मुद्दे पर कोई बदलाव आया है. मलप्पुरम में उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'क्या वह यह कहने के लिए तैयार हैं कि वे भक्तों के साथ खड़े होंगे? उनकी भावनाओं को और आहत न करें.' कांग्रेस द्वारा लाये गए सबरीमाला विधेयक के मसौदे पर शनिवार को यूडीएफ द्वारा अंतिम रूप देने के लिए चर्चा की जाएगी.'
पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने कोट्टायम में कहा कि यूडीएफ ने चुनाव के दौरान सबरीमाला को राजनीतिक एजेंडा बनाने के बारे में कभी नहीं सोचा था. मार्क्सवादी पार्टी के रुख के बारे में पूछे जाने पर माकपा नेता एम गोविंदन मास्टर ने कहा, 'वृहद पीठ के फैसले को आने दीजिये. उसके बाद हम सभी वर्गों के साथ विचार-विमर्श करेंगे कि इसे कैसे लागू किया जा सकता है.'