नई दिल्ली: सामना के मुख्य पत्र में बताया गया कि कश्मीर हिंदुस्तान का अविभाज्य अंग है. इसे साबित करने के लिए ही मोदी सरकार ने अनुच्छेद-370 हटाकर कश्मीर के पैरों से गुलामी की बेड़ियां तोड़कर फेंक दीं. इसके लिए उन्हें चारों ओर से शुभकामनाएं मिलीं. अनुच्छेद-370 हटने के बावजूद भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा लगभग चार दिन पहले श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा नहीं फहराया जा सका. लाल चौक पर तिरंगा फहराने के लिए गए भाजपा के कार्यकर्ताओं को कश्मीर पुलिस ने रोका और उन्हें बंदी बना लिया. यह तस्वीर क्या कह रही है? मतलब की कश्मीर की स्थिति अब भी सुधरी नहीं है.
अब कश्मीर की तीन प्रमुख पार्टियां एक हो गई हैं और उन्होंने अनुच्छेद-370 फिर से लाने के लिए लड़ाई लड़नी शुरू कर दी है. इस बीच डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला ने यहां तक कि घोषणा कर दी कि वह अनुच्छेद-370 को फिर से लाने के लिए चीन तक की मदद लेने को तैयार हैं. इसी तरह महबूबा मुफ्ती भी फारूक अब्दुल्ला के सुर से सुर मिला रही हैं. मुफ्ती का मानना है कि अनुच्छेद-370 हटाने से पहले जिस तरह कश्मीर में तिरंगा लहराया था, इसे फिर से वैसे ही लहराते देखेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीर को स्वतंत्र करवाया है, लेकिन अगर इन सब के बावजूद आज भी कश्मीर में तिरंगा फहराने के लिए संघर्ष करना पड़े तो मतलब साफ है कि स्थिति ठीक नहीं है. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए सेना की तैनाती बढ़ा दी गई है. आतंकवादी हमलों का डर छाया हुआ है. ऐसे में सुरक्षा के कड़े इंतेजामात किए गए हैं.