हैदराबाद : कोरोना वायरस के संक्रमण से पूरी दुनिया जूझ रही है. इस वायरस का प्रसार रोकने के लिए अमेरिका, चीन, यूनाइटेड किंगडम जैसे दुनिया के शक्तिशाली देश कड़ी मशक्कत करते नजर आ रहे हैं. कोरोना को रोकने के लिए कई देशों में लॉकडाउन लगाया गया है. वहीं दक्षिण कोरिया ने कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन नहीं लागू किया. वह इस वायरस को अन्य तरीके से रोकने का प्रयास कर रहा है, जिससे वह सफल भी हो रहा है.
दक्षिण कोरिया में कोरोना वयारस के आने के बाद देश की स्थिति काफी गंभीर हो गई थी. इसके बाद कोरिया सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (केसीडीसी) ने इस वायरस पर युद्धस्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी. इसके बाद से देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते केस पर तेजी से रोक लगी. कोरिया ने देश में तेजी से बढ़ रहें कोविड-19 संक्रमण से निपटने के बड़ी संख्या में देश में लैबों की स्थापना की और जांच करना शुरू कर दिया.
वर्चुअल वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम कोविड टास्क फोर्स की बैठक को संबोधित करते हुए, दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री कांग क्यूंग-वा ने कहा, 'इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मेरे देश में कोरोना का संक्रमण कम हो रहा है. इस महामारी पर सिर्फ दक्षिण कोरिया को ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को एक साथ काबू पाना होगा.
उन्होंने कहा कि 'हमने इस महामारी को रोककर पूरी दुनिया को आश्चर्य में डाल दिया. हमने पहले 30 संक्रमितों की नियमित रूप से देखभाल की, लेकिन देश में 31वां केस आने के बाद आंकड़ों में तेजी से बदलाव आया. आने वाले 10 दिन में 2300 लोग संक्रमित हो गए.
विदेश मंत्री ने कहा कि, 'प्रधानमंत्री ने सभी मंत्रालयों, प्रमुख शहरों में कोरोना से लड़ने के लिए टॉस्क फोर्स बनाया.'
पढ़ें :विशेष : कोविड- 19 और सामुदायिक सहभागिता
वांग ने कहा कि जब संक्रमितों से एक क्षेत्र के अस्पताल भर गए तो दूसरे प्रांतो के अस्पतालों में संक्रमित लोगों को भेजा जाने लगा. इसके साथ ही अन्य क्षेत्रों के डॉक्टरों की मदद ली जाने लगी.