वाशिंगटन : विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि प्रतिनिधि सभा में अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल की ओर से कश्मीर पर लाया गया प्रस्ताव जम्मू-कश्मीर में हालात का निष्पक्ष चित्रण नहीं करता है.
उन्होंने कहा कि भारतीय-अमेरिकी कांग्रेस सदस्य जयपाल और उन सांसदों से मुलाकात करने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है, जिन्होंने अपना मन पहले ही बना लिया है, जो वस्तुस्थिति से अवगत नहीं हैं तथा बात करने को भी तैयार नहीं हैं.
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में पहुंचने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी महिला जयपाल (54) ने इस महीने की शुरुआत (आठ दिसंबर) को कश्मीर पर प्रस्ताव पेश किया. वह इस विषय पर देशभर के भारतीय मूल के लोगों की सोच को नजरअंदाज करते हुए प्रस्ताव पेश करने की अपनी पूर्व घोषित योजना पर आगे बढ़ीं.
यह प्रस्ताव अभी लंबित है. इसमें उन्होंने भारत से कहा है कि जम्मू-कश्मीर में संचार पर लगी सभी पाबंदियां जल्द से जल्द हटाई जाएं जो पांच अगस्त को संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को रद्द करने के बाद जम्मू-कश्मीर में लगाई गई थी. इसके अलावा सभी नागरिकों के लिए धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करने का अनुरोध भी किया गया है.
भारत ने कश्मीर में पाबंदियां लगाने का यह कहते हुए बचाव किया है कि ऐसा पाकिस्तान को आतंकियों और अन्य उपद्रवियों की मदद से यहां और गड़बड़ी फैलाने से रोकने के लिए किया गया है.
टू प्लस टू वार्ता के बाद वॉशिंगटन डीसी के अपने दौरे के समापन पर जयशंकर ने भारतीय संवाददाताओं के समूह से गुरुवार को कहा, 'मुझे (कांग्रेस के) उस प्रस्ताव की जानकारी है. मुझे लगता है कि इसमें जम्मू-कश्मीर के हालात को ठीक से समझा नहीं गया, भारत सरकार जो कर रही है उसका निष्पक्ष चित्रण भी नहीं किया गया है. (जयपाल से) मुलाकात में मेरी कोई दिलचस्पी नहीं है.'