हैदराबाद :रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने घोषणा की है कि उनके देश ने कोरोना वायरस के खिलाफ पहला टीका विकसित कर लिया है, जो कोविड-19 से निपटने में बहुत प्रभावी ढंग से काम करता है और एक स्थाई रोग प्रतिरोधक क्षमता का निर्माण करता है. इसके साथ ही उन्होंने खुलासा किया कि उनकी बेटियों में से एक को यह टीका पहले ही दिया जा चुका है.
वैक्सीन से जुड़ी अहम जानकारियां... पुतिन ने यह दावा एक सरकारी बैठक में किया और कहा कि यह विश्व के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है.
व्लादिमीर पुतिन ने आज टीके संबंधी जानकारी दी.
पुतिन ने कहा कि उनकी एक बेटी परीक्षण में शामिल हुई और उसे टीका दिया गया.
उन्होंने कहा कि पहले टीके के बाद उनकी बेटी के शरीर का तापमान 38 डिग्री सेल्सियस था, अगले दिन यह 37 डिग्री सेल्सियस से थोड़ा अधिक था. दूसरे टीके के बाद उसका तापमान कुछ बढ़ा और फिर सब ठीक हो गया. वह अच्छा महसूस कर रही है और एंटीबॉडी स्तर अधिक है.
पुतिन ने कहा, 'यह (टीका) बहुत प्रभावी तरीके से काम करता है और स्थाई रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करता है.'
राष्ट्रपति पुतिन ने कोरोना वायरस के पहले टीके पर काम करने वाले सभी लोगों का शुक्रिया अदा किया और उम्मीद जताई कि रूस निकट भविष्य में बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन शुरू करने में सक्षम होगा.
रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को ने कहा है कि कोरोना वायरस के पहले टीके का उत्पादन गामालिया रिसर्च इंस्टीट्यूट और बिनोफार्म कंपनी द्वारा किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि कई देश पहले ही इस टीके को लेकर अपनी रुचि दिखा चुके हैं. रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) टीके के उत्पादन और विदेश में इसके प्रचार-प्रसार में निवेश कर रही है.
टीके को गामालिया रिसर्च इंस्टीट्यूट और रूस के रक्षा मंत्रालय ने सुंयक्त रूप से विकसित किया है. इसका परीक्षण 18 जून को शुरू हुआ था जिसमें 38 स्वयंसेवी शामिल थे. इन सभी प्रतिभागियों में कोविड-19 के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो गई. पहले समूह को 15 जुलाई और दूसरे समूह को 20 जुलाई को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.