नई दिल्ली : हैदराबाद गैंग रेप मामले पर लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों में सदस्यों ने तीखी प्रतिक्रिया दी. राज्यसभा में सभापति वेंकैया नायडू ने कहा, 'हमें ऐसे आरोपियों के प्रति कोई भी दया नहीं दिखानी चाहिए.'
सदस्यों के अपनी बात रखने के बाद सभापति नायडू ने कहा कि महिलाओं की मर्यादा एवं उनकी सुरक्षा को किसी भी तरह का खतरा नहीं होना चाहिए.उन्होंने कहा कि नए बिल की नहीं बल्कि 'राजनीतिक इच्छाशक्ति' की जरूरत है. प्रशासनिक स्किल, विचारधारा को बदलने की जरूरत है. इसके बाद हम सामाजिक बीमारी को खत्म कर सकते हैं.
नायडू ने कहा कि ऐसे मामलों में निचली अदालतों में सजा सुनाए जाने के बाद दोषी न केवल आगे की अदालतों में अपील पर अपील करते हैं बल्कि वह माफी के लिए क्षमा याचिका भी देते हैं. इस चलन की समीक्षा की जानी चाहिए.
गृह मंत्रालय दे सख्त निर्देश
तृणमूल कांग्रेस के सुखेन्दु शेखर राय ने कहा 'हैदराबाद की घटना के बाद पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने के लिए अधिकार क्षेत्र की बात की जबकि उच्चतम न्यायालय इस संबंध में स्पष्ट व्यवस्था दे चुका है. ऐसे मामलों में किसी भी थाने में प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है. इस संबंध में गृह मंत्रालय को निर्देश देना चाहिए कि अगर प्राथमिकी दर्ज न की गई तो संबंधित पुलिसकर्मियों व अधिकारियों को निलंबित कर दिया जाएगा.'
'सभ्य समाज में चुभन'
भाजपा के भूपेंद्र यादव ने ऐसी घटनाओं को 'सभ्य समाज में चुभन' करार देते हुए कहा कि कामकाजी महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकार हमारे सामाजिक एवं राजनीतिक दायित्वों में परिलक्षित होने चाहिए.
सिस्टम पर सवाल
बीजद के अमर पटनायक ने कहा 'क्या कड़े कानूनों से समस्या का हल होगा. हैदराबाद की घटना हो ही नहीं पाती, अगर आरोपी को तब ही पकड़ लिया जाता, जब उसके लाइसेंस की जांच की जा रही थी.'
बसपा के वीर सिंह ने कहा 'देश में कई कामकाजी महिलाओं, निम्न वर्ग की महिलाओं, अनुसूचित जाति-जनजाति की महिलाओं तथा बच्चियों के साथ ऐसा हो रहा है, लेकिन घटनाएं दब जाती हैं. जो घटनाएं सामने आती हैं, उनके बारे में पता चलता है.'
नैतिक शिक्षा का पतन
माकपा सदस्य टी.के. रंगराजन ने कहा कि हालात बताते हैं कि नैतिक शिक्षा का पतन हुआ है और मीडिया को इस पर ध्यान देना चाहिए.
उम्र कैद में न बदली जाए सजा
टीआरएस के बंदा प्रकाश ने कहा 'अगर ऐसे मामलों में फास्ट ट्रैक अदालत में सुनवाई होती है और दोषी को मृत्यु दंड की सजा सुनाई जाती है तो वह ऊंची अदालत में जाता है और वहां उसकी सजा उम्र कैद में तब्दील कर दी जाती है. ऐसा नहीं होना चाहिए. सुनवाई जल्द होनी चाहिए, सख्त होनी चाहिए और समयबद्ध तरीके से होनी चाहिए.'
समय की मांग है सख्त कानून
एमडीएमके सदस्य वाइको ने कहा 'देश में महिलाओं को देवी कहा जाता है और वहीं दूसरी ओर उनके खिलाफ जघन्य अपराध भी हो रहे हैं. कड़े कदम उठाना समय की मांग है.'
शर्म से झुका सिर
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले ने कहा कि ऐसी घटनाओं से समाज में हमारा सिर शर्म से झुक जाता है. सदन पहले भी इस तरह के मामलों पर चर्चा में एक सुर में अपनी बात कह चुका है.
पुलिस की संवेदनशीलता जरूरी
शिरोमणि अकाली दल के नरेश गुजराल ने कहा 'कानून तो है लेकिन लोगों में कानून का डर नहीं है. इसके लिए न्यायिक प्रणाली को मजबूत बनाना होगा और न्याय पालिका के रिक्त पदों पर तत्काल नियुक्तियां करनी होगी. साथ ही पुलिस को भी संवेदनशील बनाना होगा.'
भाकपा के विनय विस्वम ने कहा 'निजी तौर पर मैं मृत्युदंड का समर्थक नहीं हूं लेकिन ऐसे मामलों में मैं मृत्युदंड की मांग करना चाहूंगा.'
दोषियों को मृत्युदंड मिले
तेलंगाना राष्ट्र समिति की एम कविता ने कहा कि निर्भया कांड में अभी तक दोषियों को सजा नहीं मिली है. उन्होंने इस मुद्दे पर सदन में व्यापक चर्चा कराने की और दोषियों को मृत्युदंड देने की मांग की.
राज्यसभा में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की.