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MSME पर सरकार के फैसले के विरोध में हैं RSS की ये इकाइयां - MSME definition

केंद्र सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम की परिभाषा बदलने का फैसला लिया है. इसे लेकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) की दो इकाइयों लघु उद्योग भारती और स्वदेशी जागरण मंच ने आपत्ति जतायी है. पढ़ें पूरी खबर...

गोविंद लेले और डॉ अश्विनी महाजन

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Published : Nov 14, 2019, 8:25 PM IST

Updated : Nov 14, 2019, 11:37 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) की दो इकाइयों लगु उद्योग भारती और स्वदेशी जागरण मंच ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम की परिभाषा बदलने के मोदी सरकार के फैसले का विरोध किया है. मंत्रिपरिषद ने परिभाषा के आधार को 'बिक्री कारोबार' बनाकर MSME की परिभाषा में संशोधन करने का निर्णय लिया है.

लघु उद्योग भारती के अखिल भारतीय महासचिव गोविंद लेले ने गुरुवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यम उद्यमों को सूक्ष्म उद्यमों के साथ और लघु उद्यमों में सेवा क्षेत्र और मध्यम क्षेत्र मिलाने से स्वरोजगार में निरंतर कमी आयी है.

लेले ने कहा कि सूक्ष्म और लघु उद्योग को न केवल संरक्षित किया जाए और बल्कि उनको बढ़ावा भी दिया जाए. इसके साथ ही राष्ट्रीय आर्थिक और औद्योगिक नीति में प्राथमिकता दी जाए.

एमएसएमई के संदर्भ में मीडिया से बात करते गोविंद लेले व डॉ. अश्विनी महाजन.

उधर स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक, डॉ अश्विनी महाजन ने भी लघु उद्योग भारती का समर्थन किया और मांग की कि सरकार को सूक्ष्म और लघु उद्यमों को अधिकतम समर्थन और आरक्षण देने की पारम्परिक पद्धति का पालन करना चाहिए.

लघु उद्योग भारती ने सूक्ष्म और लघु उद्योग नीति को अलग करने और मध्यम क्षेत्र को वर्तमान एमएसएमईडी अधिनियम 2006 के दायरे से बाहर कर इसे 'सूक्ष्म और लघु उद्योग अधिनियम' बनाने की मांग की है.

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संगठन ने यह भी मांग की है कि सूक्ष्म और लघु उद्योग की परिभाषा का आधार केवल 'प्लांट और मशीनरी में निवेश' होना चाहिए.

Last Updated : Nov 14, 2019, 11:37 PM IST

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