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अयोध्या मामले पर SC के निर्णय का खुले दिल से स्वागत किया जाना चाहिए : RSS

RSS ने कहा है कि अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय के आने वाले निर्णय का सभी को खुले दिल से स्वागत करना चाहिए. बता दें कि यह फैसला 17 नवम्बर से पहले आने की उम्मीद है, जब प्रधान न्यायाधीश सेवानिवृत्त होंगे. पढे़ं पूरा विवरण...

RSS ने अयोध्या मामले के निर्णय पर कहा

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Published : Oct 30, 2019, 10:03 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने बुधवार को कहा कि अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय के आने वाले निर्णय का सभी को खुले दिल से स्वागत करना चाहिए. उसने साथ ही यह भी कहा कि फैसला चाहे जो भी हो, सौहार्द बनाये रखना सबकी जिम्मेदारी है.

RSS ने एक ट्वीट के माध्यम से कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के मद्देनजर उत्पन्न होने वाले मुद्दे पर राष्ट्रीय राजधानी में आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारियों की दो दिवसीय बैठक में चर्चा की जा रही है. यह फैसला 17 नवम्बर से पहले आने की उम्मीद है, जब प्रधान न्यायाधीश सेवानिवृत्त होंगे.

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यह बैठक पहले हरिद्वार में 30 अक्टूबर से पांच नवम्बर तक प्रचारकों के सम्मेलन के साथ आयोजित की जानी थी. आरएसएस ने कहा कि यद्यपि प्रचारकों की बैठक टाल दी गई है, लेकिन उसके वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक को दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया है.

अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर सर्वोच्च न्यायालय के संभावित फैसले को लेकर आरएसएस की बैठक यहां बुधवार से शुरू हुई. इस बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत, सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी प्रमुख रूप से भाग ले रहे हैं.

संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार की तरफ से जारी सूचना में कहा गया है कि आगामी दिनों में श्री राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के वाद पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आने की संभावना है.

निर्णय जो भी आए, उसे सभी को खुले मन से स्वीकार करना चाहिए. निर्णय के पश्चात देशभर में वातावरण सौहार्द्रपूर्ण रहे, यह सबका दायित्व है. इस विषय पर भी बैठक में विचार हो रहा है.

अरुण कुमार ने कहा कि श्री राम के जन्मस्थान पर मंदिर निर्माण के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय का फैसला आगामी कुछ दिनों में आने की उम्मीद है. फैसला चाहे जो भी हो, सभी को इसका खुले दिल से स्वागत करना चाहिए. यह सुनिश्चित करना सभी की जिम्मेदारी है कि देश में साम्प्रदायिक सौहार्द बना रहे. बैठक में मुद्दे पर भी चर्चा होगी.

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RSS का यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान के कुछ दिन बाद आया है, जिसमें उन्होंने याद करते हुए कहा था कि किस तरह 2010 में अयोध्या में विवादास्पद भूमि पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले से पहले सरकार, राजनीतिक दलों और नागरिक समाज ने तनाव उत्पन्न करने के प्रयासों को रोका था.

पीएम मोदी ने इसका एक उदाहरण बताया था कि किस तरह से एक एकजुट आवाज देश को मजबूती प्रदान कर सकती है.

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