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संसद भवन सहित अन्य संबंधित भवनों के विकास के लिए 333 करोड़ रुपये का प्रस्ताव - वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश वर्ष 2019...20 की पूरक अनुदान मांगों के दस्तावेज से जानकारी मिली है कि सरकार ने संसद भवन के विकास/पुनर्विकास के कार्यों के लिए संसद से 333 करोड़ रुपये आवंटन करने का प्रस्ताव रखा है.

संसध भवन (फाइल फोटो)
संसध भवन (फाइल फोटो)

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Published : Nov 30, 2019, 6:38 PM IST

नई दिल्ली : सरकार ने संसद भवन के विकास/पुनर्विकास, सेंट्रल विस्टा और अन्य संबंधित भवनों के नए कार्य के लिए संसद से 333 करोड़ रूपये आवंटित करने का प्रस्ताव पेश किया है. संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश वर्ष 2019...20 की पूरक अनुदान मांगों के दस्तावेज से यह जानकारी प्राप्त हुई है.

पूरक अनुदान मांगों के दस्तावेज के अनुसार, 'संसद भवन के विकास/पुनर्विकास, सेंट्रल विस्टा और अन्य संबंधित भवनों के नए कार्य के लिए संसद से 333 करोड़ रूपये आवंटन की संसद से मंजूरी मांगी गई है.

उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार संसद भवन, सेंट्रल विस्टा सहित इससे जुड़े सरकारी भवनों का पुनर्विकास करना चाहती है.

केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने हाल ही में फिक्की के एक कार्यक्रम में कहा था कि संसद भवन और सेंट्रल विस्टा के पुनर्विकास की सरकार की मेगा योजना और विभिन्न मंत्रालयों के लिए एक समग्र परिसर का निर्माण कार्य पर कदम बढ़ा रही है.

इसके तहत संसद भवन के आसपास बने अलग-अलग भवनों के पुनर्विकास की भी योजना है.

बता दें कि भारतीय संसद का निर्माण 1927 में हुआ था और अब 92 वर्ष पूरे हो चुके हैं.ऐसे में आने वाले समय में जन प्रतिनिधियों की संख्या और कामकाज में सुविधा तथा इसके पुरातात्विक चरित्र को देखते हुए पिछले कुछ वर्षो से नए भवन के निर्माण की मांग की जा रही थी.

संसद भवन के विकास/पुनर्विकास का विषय उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी उठाया था.

पढ़ें- प्रस्तावना - संविधान की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतिबिंब

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसके बाद एक समारोह में कहा था कि कि संसद के लिए नए भवन सहित वर्तमान संसद भवन को नया स्वरूप प्रदान करने की राज्यसभा के सभापति, लोकसभा स्पीकर और सांसदों सहित विभिन्न वर्गों की मांग पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है.

मोदी ने कहा था, 'सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है. संसद भवन का अच्छी तरह से उपयोग किया जाए या कोई और भवन बनाने की जरूरत है, अधिकारी इस पर काम कर रहे हैं.'
उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल पूरा होने तक यह कार्य करना चाहिए.

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