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महाराष्ट्र : चौथी कक्षा की पुस्तकों से शिवाजी का इतिहास हटाने से छिड़ा विवाद - history of shivaji removed form syllabus

महाराष्ट्र में चौथी कक्षा की पुस्तकों से छत्रपति शिवाजी महाराज का इतिहास हटाए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है. शिक्षा विभाग के इस कदम की जमकर आलोचना की जा रही है. पढ़ें पूरी खबर...

प्रतिकात्मक फोटो (सौ. सोशल मीडिया)

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Published : Oct 18, 2019, 10:47 AM IST

पुणे : महाराष्ट्र में विधान सभा चुनाव होने वाले हैं. चुनाव से कुछ दिन पहले महाराष्ट्र अंतरराष्ट्रीय शिक्षा बोर्ड (एमआईईबी) की चौथी कक्षा की पुस्तकों से छत्रपति शिवाजी महाराज का इतिहास हटाए जाने से विवाद पैदा हो गया है. इस कदम को लेकर शिक्षा विभाग की आलोचना हो रही है.

वहीं, महाराष्ट्र राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एमएससीईआरटी) ने इस विवाद के लिये 'गलतफहमी' को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि पाठ्यक्रम से शिवाजी महाराज को हटाने का कोई प्रयत्न नहीं किया गया है.

विपक्षी कांग्रेस और राकांपा के आक्रामक तेवर देख राज्य के मंत्री विनोद तावड़े ने कहा कि 17 वीं शताब्दी के मराठा योद्धा राजा का अध्याय चौथी कक्षा की इतिहास की पाठ्य पुस्तक में शामिल जाएगा.

कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया, महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख बालासाहेब थोराट और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने इसकी आलोचना की है.

थोराट और चव्हाण ने कहा कि यह शिवाजी के प्रति भाजपा-शिवसेना सरकार के 'फर्जी' प्रेम को दर्शाता है.

वहीं, नासिक के नंदगांव में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा, 'यह अध्याय इसलिए था ताकि चौथी कक्षा के छात्र शिवाजी महाराज के काम को समझें. लेकिन सरकार ने अब उस अध्याय को हटा दिया है.'

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पवार ने कहा, 'लेकिन उस अध्याय को हटा दिया गया है और ये लोग शिवाजी की विचारधारा के आधार पर राज्य को आगे ले जाने की बात करते हैं.'

इससे पहले स्कूली शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने गुरुवार को कहा कि एमआईईबी के पाठ्यक्रम में कक्षा चार तक अलग पाठ्यक्रम नहीं है.

उन्होंने कहा कि चार साल पहले अस्तित्व में आए बोर्ड के अंतर्गत इतिहास, भूगोल और विज्ञान जैसे अलग-अलग विषय कक्षा पांच से शुरू किए जायेंगे.

मीडिया में आई खबर के अनुसार शिवाजी के जीवन और उनके जीवन से जुड़ी घटनाओं को एमआईईबी की कक्षा चार की पुस्तकों से निकाल दिया गया है.

एमएससीईआरटी के उप निदेशक विकास गारद ने कहा, 'इस विषय पर कुछ गलतफहमी रही और अधूरी जानकारी दी गयी. राज्य बोर्ड के पाठ्यक्रम से छत्रपति शिवाजी को हटाने का कोई प्रयास नहीं किया गया है.'
उन्होंने कहा कि एमआईईबी ने हाल ही में 81 स्कूल शुरू किए हैं.

उन्होंने कहा, 'इतिहास विषय कक्षा पांच से शुरू किया जाएगा, जिसमें प्राचीन और मध्यकालीन इतिहास पर जोर दिया जाएगा.'

गारद ने कहा कि कक्षा छह से शिवाजी महाराज का विस्तृत इतिहास पढ़ाने की योजना है. महाराष्ट्र अंतरराष्ट्रीय शिक्षा बोर्ड की स्थापना तावड़े के शिक्षा मंत्री रहने के दौरान की गयी थी.

तावड़े ने कहा, 'यदि आप कक्षा छह की पुस्तकों को देखेंगे तो आपको छत्रपति शिवाजी महाराज की उपलब्धियों का उल्लेख मिलेगा.'

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