नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद(यूएनएससी) ने बुधवार को पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद(जेईएम) के प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया. ऐसा करने में चीन का भी बड़ा योगदान माना जा रहा है.
इससे पहले, 10 सालों में हुए चार प्रयासों को चीन पूरा होने नहीं दे रहा था. चीन बार-बार इस प्रस्ताव पर अड़ंगा लगा देता था, लेकिन उसने बुधवार को मामले में अपनी 'तकनीकी रोक' हटा ली.
वैश्विक आतंकी मसूद अजहर है ISI की आंखों का तारा
चीन ने मंगलवार को संकेत दिए थे कि वह अब प्रस्ताव पर रोक नहीं लगाएगा, जिसे शुरुआत में भारत द्वारा लाया गया था. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा था कि प्रतिबंध समिति में प्रासंगिक विचार-विमर्श में कुछ प्रगति हुई है और मामले को पूरी तरह से सुलझा लिया जाएगा.
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी भारत का आधिकारिक बयान बता दें, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस द्वारा अजहर को वैश्विक आंतकवादी घोषित करने के लिए दबाव देने के बावजूद चीन अजहर को सूचीबद्ध करने पर अड़ंगा लगाता था. भारत ने हाल ही में चीन के इस कदम को 'निराशाजनक' बताया था.
बता दें, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने ट्वीट किया, 'छोटे, बड़े सभी एक साथ आ गए, मसूद अजहर संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित सूची में एक आतंकवादी के रूप में घोषित.
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सभी के समर्थन के लिए हम आभारी हैं.'विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि आतंकी गुट जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर के खिलाफ कार्रवाई भारत के रुख के अनुसार हुआ है.
मंत्रालय ने कहा कि भारत द्वारा सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति के सदस्यों के साथ साझा की गई सूचनाओं के आधार पर ही यह कार्रवाई की गई है.उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अजहर मसूद को बुधवार को वैश्वित आतंकवादियों की सूची में शामिल कर दिया.