पटना : बिहार विधान सभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने आज राघोपुर सीट से नामांकन भरा. उन्होंने हाजीपुर के कलेक्ट्रेट में राघोपुर सीट से नामांकन भरा. इस दौरान उनके साथ बड़े भाई तेज प्रताप भी मौजूद थे. नामांकन से पहले उन्होंने अपनी जीत का दावा किया. इस दौरान उन्होंने बिहारी के युवाओं को 10 लाख रोजगार देने का वादा भी दोहराया. तेजस्वी ने मां राबड़ी देवी और बड़े भाई तेज प्रताप यादव का पैर छूकर आशीर्वाद लिया. राबड़ी देवी ने कहा कि बिहार की जनता और पार्टी के कार्यकर्ताओं को लालू जी की कमी महसूस हो रही है.
राघोपुर में तेजस्वी यादव का मुकाबला बीजेपी के सतीश यादव से होगा. सतीश लगातार तीसरी बार इस सीट से किस्मत आजमा रहे हैं.
नामांकन से पहले तेजस्वी यादव ने की मीडिया से बातचीत नीतीश कुमार को चैलेंज
तेजस्वी यादव ने कहा कि राघोपुर की जनता हमेशा राजद के साथ खड़ी रही है और इस बार भी साथ रहेगी. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चैलेंज देते हुए कहा कि, सीएम अपने गृह जिले नालंदा की किसी सीट से नामांकन करें. वह भी वहां से पर्चा भरेंगे और मुख्यमंत्री को हरा देंगे.
तेजस्वी ने कहा, 'आज मैं राघोपुर से नामांकन भरने जा रहा हूं, राघोपुर की जनता ने हमेशा हम लोगों का साथ दिया. राघोपुर की जनता हमें एक बार फिर जिताने का काम करेगी. हमारी सरकार बनती है तो पहली कैबिनेट मीटिंग में पहला हस्ताक्षर 10 लाख नौजवानों को स्थाई रोजगार देने के लिए होगा.'
आरजेडी नेता ने आगे कहा, 'दूसरी बात ये है कि समान काम समान वेतन की जो मांग नियोजित शिक्षकों की लंबे समय से रही है उनको मैं वादा करता हूं कि हमारी सरकार बनते ही हम उनकी मांगे पूरी करेंगे.'
राजद का रहा है दबदबा
दरअसल, राघोपुर सीट आरजेडी के लिए प्रतिष्ठा वाली है, क्योंकि यहां से लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी ने जीत हासिल की थी. लालू यादव 1995 और 2000 में यहां से विधायक बने थे. उसके बाद उनकी पत्नी राबड़ी देवी ने 2005 के चुनाव में जीत हासिल की थी. लेकिन 2010 में उन्हें राघोपुर में हार का मुंह देखना पड़ा. इसके बाद 2015 में तेजस्वी यादव ने जीत दर्ज की थी.
राघोपुर विधानसभा सीट का इतिहास
राघोपुर विधानसभा सीट पर अभी तक 20 बार विधानसभा और विधानसभा उपचुनाव हो चुके हैं. इस सीट पर लालू परिवार का दबदबा रहा है. वहीं, कांग्रेस की बात करें तो इस सीट पर आखिरी बार कांग्रेस उम्मीदवार को 1972 में जीत हासिल हुई थी, जिसके बाद से आज तक इस सीट पर कांग्रेस को जीत नहीं मिल सकी है. वहीं उदय नरायण राय ने तीन अलग अलग पार्टियों से यहां से विधानसभा चुनाव लड़े और जीत हासिल की. उदय नारायण राय वहीं नेता थे जिन्होंने 1995 में अपनी ये सीट लालू यादव को सौंप दी थी और उन्हें यहां से चुनाव लड़ने को कहा था.
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यादव और राजपूत बहुल इलाका है राघोपुर
राघोपुर सीट यादव बहुल इलाका है. यह वैशाली जिले के हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र के तहत पड़ता है. इस विधानसभा सीट के अंदर दो ब्लॉक राघोपुर और बिदुपुर आता है. यादवों के अलावा यहां राजपूतों की भी आबादी है. आरजेडी के दिवंगत नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह का भी इस इलाके में अच्छा खासा प्रभाव रहा है.