नई दिल्ली : महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद कांग्रेस विधायकों में असंतोष पर महाराष्ट्र के मंत्री एवं राज्य कांग्रेस प्रमुख बालासाहेब थोराट ने बुधवार को कहा कि मंत्री ना बनाए जाने से नाराज विधायक संग्राम थोपटे को मना लिया गया है. थोराट ने मंत्री पद को लेकर कांग्रेस में नाराजगी की खबरों को भी खारिज कर दिया. कांग्रेस नेता ने पत्रकारों से कहा कि हर किसी को मंत्री नहीं बनाया जा सकता क्योंकि राज्य में तीन पार्टी के गठबंधन की सरकार है.
उन्होंने कहा, 'मैंने संग्राम थोपटे से कल रात बात की. कांग्रेस एक परिवार है और उन्हें उनका बकाया मिलेगा.' कांग्रेस नेता ने कहा, 'चूंकि तीन पार्टियों के गठबंधन की सरकार है इसलिए हमें कम मंत्री पद मिले हैं.'
कांग्रेस विधायक नाराज
बता दें कि मंत्री पद के लिए पुणे के विधायक संग्राम थोपटे के समर्थकों ने कांग्रेस कार्यालय में तोड़फोड़ तक कर डाली थी क्योंकि थोपटे को मंत्री नहीं बनाया गया. थोपटे ही नहीं बल्कि पूर्व गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे की बेटी प्रणीति शिंदे को भी मंत्रिमंडल से बाहर रखा गया. थोपटे के समर्थकों ने जहां कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को पत्र लिखा है, वहीं कुछ ने पार्टी के प्रति विद्रोही रवैया दिखाया.
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे असंतुष्ट नेताओं से पार्टी के भीतर कर्नाटक जैसे किसी प्रकार के विद्रोह को खत्म करने के लिए बात करेंगे.
कुछ अन्य विधायकों ने सार्वजनिक तौर पर तो कुछ नहीं बोला, लेकिन उन्होंने पार्टी के समक्ष अपनी शिकायतें दर्ज करा दी हैं. कुछ विधायकों ने कहा है कि वे स्थिति से अवगत कराने के लिए सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मिलेंगे.
हालांकि नई दिल्ली के हस्तक्षेप से परिणाम यह हुआ है कि प्रणीति शिंदे ने पार्टी के साथ किसी तरह के मतभेद से इनकार किया है और वहीं संग्राम थोपटे ने कहा है कि वह पार्टी के साथ हैं.
इससे पहले मंगलवार को कांग्रेस के मंत्रियों ने मल्लिकार्जुन खड़गे, के.सी. वेणुगोपाल व पार्टी सचिव आशीष दुआ के साथ सोनिया गांधी व राहुल गांधी से मुलाकात की थी.