नई दिल्ली : साल 2012 के निर्भया केस में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है. कोर्ट ने चार दोषियों में से एक अक्षय कुनार सिंह की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है.कोर्ट ने कहा कि इस मामले पर अब दोबारा सुनवाई नहीं होगी. जस्टिस भानुमति ने फैसले दस्तख्त किए.कोर्ट ने कहा कि दोषियों को बचाव का पूरा मौका दिया गया था. ट्रायल और जांच में कोई खामी नहीं है.
बता दें कि इससे पूर्व आज हुई सुनवाई के दौरान दोषी अक्षय के वकील एपी सिंह ने दलीलें पेश कीं. उन्होंने कहा कि उसे फांसी इसलिए दी जा रही है क्योंकि वह गरीब है. साथ ही वकील ने जांच पर भी सवाल उठाए थे.
दोषी के वकील ने कोर्ट में तर्क देते हुए कहा 15 अगस्त 2014 में हमारे पीएम मोदी ने बलात्कार के बारे में बात की थी. उन्होंने कहा था कि हम हमेशा यह क्यों पूछते हैं कि हमारी लड़की कहां जा रही है? लेकिन कोई यह नहीं पूछता कि हमारे बेटे क्या कर रहे हैं.
'वास्तविकता यह है कि बलात्कारी पैदा नहीं होते हैं लेकिन हमारे समाज द्वारा बनाए जाते हैं". पोर्न साइटों पर प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए. दो तिहाई देशों ने में तो फांसी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.हमें भी इसे प्रतिबंधित करना चाहिए.' मौत की सजा अपराध पर अंकुश लगाने का तरीका नहीं है.' राजीव गांधी मामले पर तर्क देते हुए वकील एपी सिंह ने कहा कि, नलिनी को मौत की सजा दी गई थी, लेकिन उसे जीवनदान दे दिया गया था.
दूसरी तरफ निर्भया की मां ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि कोर्ट उनके हक में फैसला सुनाएगी. कोर्ट दोषी अक्षय कुमार सिंह की पुनर्विचार याचिका को अवश्य खारिज कर देगा. उन्होंने कहा कि 'दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट दोषियों की फांसी की सजा पर फैसला देगी. मुझे आशा है कि दोनों ही कोर्ट की तरफ से हमारे हक में फैसला आएगा.'
तमाम दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. अब कोर्ट आज दोपहर 1 बजे इस पर फैसला सुनाएगा.
सुनवाई के दौरान एपी सिंह कोर्ट में नए तथ्य रख रहे हैं. एपी सिंह दोषी अक्षय के वकील हैं. एपी सिंह ने सुनवाई के दौरान राम सिंह की आत्महत्या पर भी सवाल उठाए हैं. वकील एपी सिंह ने कहा कि बलात्कार और हत्या का दोषी राम सिंह ने आत्महत्या नहीं की थी. उन्होंने कोर्ट को बताया कि राम सिंह के शरीर में अल्कोहल पाया गया था.
जस्टिस भूषण ने कहा कि ट्रायल के बाद कोई कुछ भी लिखे, कोई मतलब नहीं है. दोषी अक्षय सिंह के वकील ने निर्भया के दोस्त की गवाही पर सवाल खड़े किए हैं
चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने मंगलवार को इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग करते हुए इस निमित्त तीन जजों की अलग बेंच गठित करने का आदेश दिया था. इस क्रम में न्यायमूर्ति आर. भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस ए.एस. बोपन्ना की तीन न्यायाधीशों वाली पीठ बुधवार को पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करेगी.
इसके पूर्व दिन में प्रधान न्यायाधीश बोबडे, न्यायमूर्ति आर. भानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की विशेष पीठ ने दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई शुरू होते ही उसके वकील ए.पी. सिंह से कहा कि आधे घंटे के भीतर वह अपनी दलीलें पूरी करें.
दोषी अक्षय के वकील का बयान
निर्भया मामले में एक दोषी अक्षय के वकील ए.पी. सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि नई बेंच का गठन किया जाएगा. बुधवार को पूर्वाह्न 10:30 बजे बेंच इस पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करेगी.