दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

सीएए पर हिंसा : 154 हस्तियों ने राष्ट्रपति से कार्रवाई की मांग की - राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

देश के 154 प्रबुद्ध नागरिकों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से संशोधित नागरिकता कानून एवं एनआरसी के विरोध के नाम पर हिंसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक ज्ञापन सौंपा है. हालांकि ज्ञापन में किसी दल या व्यक्ति का नाम नहीं दिया गया है.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ( फाइल फोटो )
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ( फाइल फोटो )

By

Published : Jan 24, 2020, 6:39 PM IST

Updated : Feb 18, 2020, 6:39 AM IST

नई दिल्ली : देश के 154 प्रबुद्ध नागरिकों ने शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से संशोधित नागरिकता कानून एवं एनआरसी के विरोध के नाम पर हिंसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने और लोकतांत्रिक संस्थाओं को 'सुरक्षा प्रदान' करने की अपील की.

राष्ट्रपति से अपील करले वाले इन प्रबुद्ध नागरिकों में शीर्ष सरकारी एवं संवैधानिक पदों से सेवानिवृत हुए लोग एवं बुद्धिजीवी आदि शामिल हैं.

केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण के अध्यक्ष और सिक्किम उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश प्रमोद कोहली के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक तत्व संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनकारियों को प्रश्रय दे रहे हैं और इस अशांति का 'बाहरी आयाम' भी है.

उन्होंने हालांकि संशोधित नागरिकता कानून, राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी और राष्ट्रीय नागरिक पंजी के खिलाफ प्रदर्शन भड़काने को लेकर किसी दल या व्यक्ति का नाम नहीं दिया.

प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि 'द्वेषपूर्ण' माहौल पैदा करने के लिए कुछ संगठनों की समाज में विभाजन पैदा करने की हरकत से वह चिंतिंत है. उसने कहा कि यदि आंदोलन शांतिपूर्ण रहता है और लोगों को असुविधा नहीं होती है, तो उसे इस आंदोलन से कोई एतराज नहीं है.

प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें उच्च न्यायालयों के 11 पूर्व न्यायाधीश, आईएएस, आईपीएस, आईएफएस और पूर्व राजनयिक समेत 72 पूर्व नौकरशाहों, 56 शीर्ष पूर्व रक्षा अधिकारियों, बुद्धिजीवियों, अकादमिक विद्वानों और चिकित्सा पेशेवरों के हस्ताक्षर हैं.

ज्ञापन में कहा गया है कि प्रबुद्ध नागरिक चाहते हैं कि केंद्र पूरी गंभीरता से इस मामले पर गौर करे और देश के लोकतांत्रिक संस्थानों की रक्षा करे एवं ऐसी ताकतों के खिलाफ कार्रवाई करे.

उसमें कहा गया है कि केंद्र की नीतियों के विरोध का दावा करने वाले इन प्रदर्शनों की रूपरेखा वाकई भारत के तानेबाने नष्ट करने और उसकी एकता एवं अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाली बनाई गई है. उसमें कहा गया है कि पूरे देश में डर का जो माहौल खड़ा किया जा रहा है, वह राजनीति से प्रेरित जान पड़ती है.

पढ़ें- सीएए के विरोध में भाजपा के 80 मुस्लिम नेताओं ने प्राथमिकता सदस्यता छोड़ी

ज्ञापन में कहा गया है, 'सीएए भारतीय नागरिकों पर कोई असर नहीं डालता, इसलिए नागरिकों के अधिकारों और आजादी पर खलल डालने का दावा सही नहीं ठहरता.'

इस ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वालों में राज्यसभा के पूर्व महासचिव योगेंद्र नारायण, केरल के पूर्व मुख्य सचिव सी वी आनंद बोस, पूर्व राजदूत जी एस अय्यर, पूर्व रॉ प्रमुख संजीव त्रिपाठी, आईटीबीपी के पूर्व महानिदेशक एस के कैन, दिल्ली पुलिस के पूर्व आयुक्त आर एस गुप्ता, पूर्व सेना उपप्रमुख एन एस मलिक जैसी कई प्रमुख हस्तियां शामिल हैं.

Last Updated : Feb 18, 2020, 6:39 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details