कानपुर : उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में हुई घटना के बाद पूरे मामले की न्यायिक जांच की जाएगी. इसके लिए शासन ने एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया है. सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति शशिकांत अग्रवाल इस आयोग के अध्यक्ष बनाए गए हैं. जांच के संदर्भ में न्यायमूर्ति शशिकांत अग्रवाल बिकरू गांव पहुंचे. इस दौरान उनके साथ जिला अधिकारी समेत जिले के अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे.
उन्होंने गांव पहुंचकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली. इतना ही नहीं वह विकास दुबे के घर भी गए. इस दौरान जहां पर पुलिसकर्मियों की हत्या की गई, उन जगहों की भी रिटायर्ड जज ने गहनता से जांच की.
बिकरू कांड की न्यायिक जांच के लिए आयोग गठित
न्यायमूर्ति शशिकांत अग्रवाल को 2 महीने में 5 बिंदुओं पर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपनी है. इस जांच आयोग का मुख्यालय कानपुर महानगर में होगा. इस आयोग का कार्यकाल 2 महीने तय किया गया है. वहीं आयोग के संदर्भ में रविवार को ही अधिसूचना जारी कर दी गई थी.
इस अधिसूचना में कहा गया था कि बिकरू गांव की घटना और उसके बाद 3 से 10 जुलाई की अवधि के दौरान हुए पूरे प्रकरण से संबंधित कई स्थानों पर पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़ एक लोक महत्व का विषय है. इस कारण प्रकरण की जांच करना जरूरी है. इसके लिए ही यह एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया गया है, जिसकी अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति शशिकांत अग्रवाल कर रहे हैं.
विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर विपक्ष ने जताया विरोध
बता दें कि बीते 2-3 जुलाई की रात को कानपुर के बिकरू गांव में दबिश देने गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने हमला कर दिया था. इस हमले में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. पुलिस ने इस हत्याकांड से जुड़े अपराधियों को अलग-अलग जगहों पर हुई पुलिस मुठभेड़ में मार दिया गया, वहीं कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया.
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घटना के मास्टरमाइंड शातिर अपराधी विकास दुबे को भी मध्य प्रदेश में गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उसे एमपी से कानपुर जिले लाया जा रहा था. इस दौरान भागने की कोशिश करते समय हुई मुठभेड़ में विकास दुबे मार दिया गया. इस मुठभेड़ के बाद विपक्ष ने कई सवाल खड़े किए थे, जिनमें यूपी पुलिस की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही थी. इस सबके बाद मामले की न्यायिक जांच के आदेश शासन स्तर से दिए गए हैं. इसी संदर्भ में न्यायमूर्ति शशिकांत अग्रवाल कानपुर के चौबेपुर स्थित बिकरू गांव पहुंचे थे.