नई दिल्ली : अपनी युद्ध-लड़ने वाली इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए एक पुनर्गठन में, भारतीय वायु सेना (IAF) ने अपने लड़ाकू विमान स्क्वाड्रनों की शक्ति को 20 प्रतिशत तक बढ़ाया है, जिससे उन्हें परिचालन कार्यों के लिए बेहतर तैयार करने में मदद मिल सके.
भारतीय वायुसेना के सूत्रों ने बताया, 'पिछले कुछ महीनों में लड़ाकू विमानों और तकनीशियनों को 2,000 से अधिक हवाई योद्धा और तकनीशियन प्रदान किए गए हैं. इन कर्मियों को हवाई मुख्यालय और कमान मुख्यालय से बुलाया गया है, जहां वे तकनीकी कर्तव्यों का पालन नहीं कर रहे थे.'
उन्होंने कहा कि लड़ाकू स्क्वाड्रन में अधिक संख्या में लोगों के उपलब्ध होने से मौजूदा कर्मियों पर काम का बोझ कम करने में मदद मिलेगी और उड़ान संचालन में सुरक्षा बढ़ाने में भी मदद मिलेगी.
सेवा में पुनर्गठन की निगरानी वायु सेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया द्वारा की जा रही है.
मुख्यालय और गैर-परिचालन कार्यों से निकाले गए लोगों की संख्या 2,000 से अधिक है.
बता दें कि भदौरिया ने पिछले साल एक अक्टूबर को वायु सेना प्रमुख का पदभार संभाला था. मुख्यालय में पुनर्गठन के अलावा, वायु सेना ने सेवा में ध्वज अधिकारियों के लिए सहायक कर्मचारियों की नियुक्ति में भी सख्त नियम लागू किए हैं.
(एएनआई इनपुट)