श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए इन दिनों एक तरफ कुआं और एक तरफ खाई वाली स्थिति बन गई है. एक ओर ये लोग कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए उपाय कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान की तरफ से इन लोगों को निशाना बना कर गोलाबारी की जा रही है.
पिछले महीने से, पाकिस्तान इस केंद्र शासित प्रदेश में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे गांवों और सेना की चौकियों को लगातार निशाना बना रहा है. इसमें कई लोगों की मौत हुई है और कई जख्मी हुए हैं. इसके अलावा दो दर्जन घरों को नुकसान पहुंचा है.
कुपवाड़ा, पुंछ और राजौरी जिलों में नियंत्रण रेखा से पिछले कुछ दिनों में घुसपैठियों ने भारत में घुसपैठ करने की कोशिश की है और पाकिस्तानी सेना ने उन्हें कवर देने के लिए गोलीबारी की है.
इन तीन जिलों के तहत आने वाले गांवों में दहशत का माहौल है, खासकर कुपवाड़ा में पिछले हफ्ते पाकिस्तान की गोलाबारी में तीन नागरिकों की मौत के बाद.
पुंछ जिले के कस्बा गांव के निवासी शौकत ने कहा, 'मैं पाकिस्तान की गोलाबारी में गंभीर रूप से जख्मी हो गया... एक तरफ हम अपने परिवारों को कोरोना वायरस के खतरे से बचाने के लिए लड़ रहे हैं और दूसरी तरफ वे (पाकिस्तान) हमारे घरों में हमें निशाना बना रहे हैं.'
उन्होंने कहा, 'हम तो एक तरफ कुआं और एक तरफ खाई वाली स्थिति में फंस गए हैं.'
बालाकोट निवासी मुमताज बीबी ने कहा कि ग्रामीणों ने प्रशासन से अपने लिए बंकर बनाने का अनुरोध किया, लेकिन उनके कान पर जू नहीं रेंगी.