दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

केरल : शोधकर्ताओं ने खोजा 180 साल से विलुप्त इरिप्पा पेड़ - Irippa Tree in Kerala

शोधकर्ताओं ने 180 साल से विलुप्त माना जा रहा इरिप्पा पेड़ खोजा है. यह पेड़ कोल्लम जिले के एक मंदिर में है और इसकी बहुत मान्यता है. यह पेड़ 300 साल पुराना बताया जा रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

इरिप्पा पेड़
इरिप्पा पेड़

By

Published : Oct 12, 2020, 2:37 PM IST

तिरुवनन्तपुरम : इंडियन बटर ट्री, जिसे स्थानीय रूप से इरिप्पा मरम कहा जाता है, को पिछले 180 वर्षों से विलुप्त माना जा रहा था. हाल ही में शोधकर्ताओं की एक टीम ने केरल के कोल्लम जिले के एक मंदिर में इस पेड़ को खोज निकाला है.

बटर ट्री जिसे मलयालम में 'इरिप्पा' पेड़ कहा जाता है, कोल्लम में परवूर अयरावल्ली महादेव मंदिर में मिला है. बताया जा रहा है कि यह पेड़ लगभग 300 साल पुराना है.

इरिप्पा पेड़

वनस्पतिविदों के अनुसार 180 साल के बाद पाया जाने वाला यह पेड़ अपनी प्रजाति का एकलौता पेड़ है. इंडियन बटर ट्री को उन पेड़ों में सूचीबद्ध किया गया है जो विलुप्त हो रहे हैं. शोधकर्ताओं ने कहा कि इरिप्पा का पेड़ आनुवंशिक रूप से सपोटा परिवार से संबंधित है.

पालोड ट्रॉपिकल बोटैनिकल गार्डन एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट की तकनीकी अधिकारी डॉ. शैलजा कुमारी ने बताया कि एक शोध दल द्वारा किए गए अध्ययन में बटर ट्री की खोज की गई. उन्होंने बताया कि सन् 1835 में रॉबर्ट वाइट नाम के एक ब्रिटिश वनस्पतिशास्त्री ने इस पेड़ की पहचान की थी.

अयरावल्ली मंदिर में इस बटर ट्री की बहुत मान्यता है. यह पेड़ बड़ा ही दिव्य माना जाता है. पेड़ के नीचे देवी पुत्तिंगल देवी और देवी पार्वती की प्रतिमाएं रखी गई हैं. पेड़ का संरक्षण मंदिर प्रशासनिक समिति कई साल से करती आ रही है. पेड़ के चारों ओर ट्री रिंग वॉल बनाकर पेड़ को संरक्षित किया जा रहा है.

पढ़ें :-आंध्र प्रदेश : 30 साल पुराने बरगद के पेड़ से ढका पंपहाउस, देखें वीडियो

इरिप्पा का पेड़ में कई औषधीय गुण होते हैं और यह केवल 20 मीटर की ऊंचाई तक बढ़ता है. गठिया (आर्थ्राइटिस) से संबंधित बीमारियों को ठीक करने के लिए इसका उपयोग दवा के रूप में किया जाता है.

मंदिर का परिसर दुर्लभ पेड़ों से समृद्ध है. यहां के पेड़ों के बीच छोटे झरने को बहते हुए देखा जा सकता है. अयरावल्ली मंदिर परिसर जैव विविधता केंद्र माना जा सकता है जिसे संरक्षित किया जाना चाहिए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details