कोलकाता :कोविड 19 महामारी के संकट के कारण देश में नौकरियों का हाल बेहाल है. व्यवसाय से संबंधित स्थितियां काफी निराशाजनक हैं. दुनियाभर में तेजी से फैलती महामारी ने न केवल लोगों के स्वास्थ्य को बिगाड़ रखा है बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति को भी कमजोर कर दिया है. महामारी के कारण कई लोगों का व्यवसाय ठप्प है और कई पिछड़ने की कगार पर हैं. ऐसे कई लोग हैं जो अपनी नौकरी खो चुके हैं और कई कंपनियां बंद हो चुकी हैं, जिसके कारण न जाने कितने लोगों को इसका हर्जाना भुगतना पड़ रहा है. निजी क्षेत्रों में भर्तियां रोक दी गई हैं. ऐसे में एक उम्मीद की किरण के तौर पर पश्चिम बंगाल में वन सहायकों के पद पर आवेदनों का तांता लगा हुआ है.
रविवार को एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल में कई अनुसंधान विद्वानों, स्नातकोत्तर और इंजीनियरिंग छात्रों ने वन सहायकों के पद पर आवेदन किया है, जिसके लिए आवश्यक योग्यता कक्षा आठवीं पास रखी गई है. पश्चिम बंगाल सरकार वन्यजीवों की रक्षा और मानव-पशु संघर्ष को रोकने के लिए अनुबंध के आधार पर 2000 'बाना सहायकों' या वन सहायकों को काम पर रख रही है.
पीएचडी, मास्टर डिग्री के विद्वान भी कर रहे हैं आवेदन
मालदा वन विभाग के रेंज अधिकारी सुबीर कुमार गुहा नेओजी ने कहा कि कई उच्च शिक्षित आवेदकों ने नौकरी के लिए आवेदन किया है. उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रिया के लिए जो बदलाव हुए हैं, उनमें पीएचडी विद्वान और मास्टर डिग्री वाले लोग भी हैं.
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पोस्ट ग्रेजुएट भी कर रहें हैं आवेदन
सुदीप मोइत्रा (इतिहास में पोस्ट-ग्रेजुएट जिन्होंने एक पोस्ट के लिए आवेदन किया था) ने कहा कि वह एक सरकारी नौकरी पसंद करेंगे भले ही यह संविदात्मक हो. कोविड-19 महामारी के बीच वर्तमान स्थिति को देखते हुए बहुत कम योग्यता की आवश्यकता है.