अमतृसर : गणतंत्र दिवस की संध्या पर पंजाब में अटारी-वाघा सीाम पर बीएसएफ द्वारा बीटिंग रीट्रीट सेरेमनी का आयोजन किया गया. इस दौरान बीएसएफ के जवानों के परेड के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ.
बीटिंग रीट्रीट के दौरान दोनों देशों के सुरक्षा बल आक्रामक अंदाज में एक-दूसरे के सामने परेड करते हैं और इसे देखने वाले दर्शकों में भी विशेष उत्साह देखने को मिलता है, जो अपने-अपने देश और अपनी सेना का मनोबल बढ़ाते हुए नारे लगाते हैं.
अटारी-वाघा सीमा पर बीटिंग रीट्रीट का आयोजन हालांकि, कोरोना महामारी के चलते इस बार सीमित में संख्या में दर्शक समारोह में शामिल हुए.
भारत और पाकिस्तान के बीच संयुक्त परेड अद्वितीय है, क्योंकि यह दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति में भी जारी रहती है.
क्या है बीटिंग रीट्रीट सेरेमनी?
भारत में अटारी और पाकिस्तान की तरफ पड़ने वाला वाघा बॉर्डर पर आयोजित होने वाली बीटिंग रीट्रीट सेरेमनी के दौरान बीएसएफ जवान अपने सिर तक ऊंचा पैर उठाते हैं और उसे जमीन पर पटकते हैं.
इस संयुक्त परेड में पाकिस्तानी रेंजर्स पंजाब और भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हैं. परेड के दौरान जवान बड़े आक्रामक अंदाज में दिखाई देते हैं. उनके चेहरे पर आक्रामकता के साथ ही गुस्सा भी झलकता है.
परेड के दौरान दोनों देश के सुरक्षा बल एक दूसरे की आंखों में आंखें मिलाते हुए जोर से जमीन पर पैर पटकते हुए एक अलग अंदाज में परेड करते हैं.
इसे देखने के लिए दोनों देशों के लोग बड़ी संख्या में पहुंचते हैं और वे अपने जवानों का जोश बढ़ाने के लिए देशभक्ति के नारे लगाते हैं.
यह संयुक्त परेड दुनिया में सबसे अनोखी परेड होने के साथ ही दोनों देशों के नागरिकों के लिए विदेशी पर्यटकों को भी लुभाती रही है. इसे देखने के लिए दोनों देशों के नागरिकों के अलावा विदेशी पर्यटक भी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं.
कब शुरू हुई बीटिंग रीट्रीट सेरेमनी?
भारत और पाकिस्तान के बीच संयुक्त परेड 1959 में शुरू हुई थी और तब से यह बिना किसी बड़ी रुकावट के जारी है.
अतीत में दो नवंबर 2014 को वाघा बॉर्डर पर एक आत्मघाती हमले के बाद भारत ने परेड को रद्द कर दिया था. इसके अलावा 29 सितंबर, 2016 को भी भारत ने तनावपूर्ण संबंधों के कारण परेड को रोक दिया था.