कोटा : जेके लोन अस्पताल में 48 घंटे में 10 बच्चों की मौत के मामले में हंगामा होने के बाद राज्य सरकार ने उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित की थी. इस कमेटी ने राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें बच्चों की मौत के मामले में ठंड और ऑक्सीजन पाइप लाइन नहीं होने को जिम्मेदार बताया है. साथ ही इलाज में किसी भी तरह की खामी नहीं होने की बात कमेटी ने स्वीकारी है.
जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने भी मौतों का मामला उठते ही इसके संबंध में उच्च स्तरीय जांच कमेटी जयपुर के स्तर पर बनाई थी. चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव वैभव गालरिया भी कोटा आए थे. दो दिनों तक उन्होंने अस्पताल में मौतों के संबंध में जांच की थी. इसमें जयपुर एसएमएस के अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. अमरजीत मेहता और शिशु रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर डॉ. रामबाबू शर्मा के साथ-साथ चिकित्सा शिक्षा विभाग के ओएसडी डॉ. सुनील भटनागर शामिल थे.
इस टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट सोमवार को चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव वैभव गालरिया को सौंप दी. चिकित्सा सचिव गालरिया ने भी इस रिपोर्ट को राज्य सरकार को भेज दिया है. रिपोर्ट में बताया है कि कड़ाके की ठंड में बच्चों की जीप और वैन में दूसरे अस्पतालों से जेके लोन लाया गया. कमेटी ने यह भी कहा कि अस्पतालों के न्यू नेटल आईसीयू में ऑक्सीजन की पाइप लाइन नहीं है. वहां सिलेंडरों से सप्लाई की गई है. ऐसे में संभवत इन्फेक्शन बढ़ा और मौतें अधिक हुई है.
ये पढ़ेंःJK लोन अस्पताल में दिसंबर महीने में मौत का आंकड़ा पहुंचा 91, बीते 6 दिनों में 14 और बच्चों की मौत