नई दिल्ली :राज्य सभा में पीएम मोदी ने कहा कि पूरा विश्व अनेक चुनौतियों से जूझ रहा है. शायद ही किसी ने सोचा होगा कि मानव जाति को ऐसे कठिन दौर से गुजरना पड़ेगा. ऐसी चुनौतियों के बीच इस दशक की शुरुआत में ही हमारे राष्ट्रपति ने संयुक्त सदन में जो उद्बोधन दिया. वह चुनौती से भरे विश्व में एक नई आशा जगाने वाला, नया उमंग पैदा करने वाला और नया आत्मविश्वास पैदा करने वाला रहा. उद्बोधन इस दशक के लिए मार्ग भी प्रशस्त करने वाला भी रहा. उन्होंने कहा कि वे राष्ट्रपति का तहे दिल से आभार प्रकट करने के लिए सदन में खड़े हैं.
सदन में किसान आंदोलन की भरपूर चर्चा हुई है. ज्यादा से ज्यादा समय, जो बात बताई गईं वो आंदोलन के संबंध में बताई गई, किस बात को लेकर आंदोलन है उस पर सब मौन रहे, जो मूलभूत बात है, अच्छा होता कि उस पर भी चर्चा होती कि खेती की मूलभूत समस्या क्या है, उसकी जड़ कहां है? मैं आज पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण जी की बात बताना चाहता हूं. वो छोटे किसानों की दयनीय स्थिति पर हमेशा चिंता करते थे.
पीएम मोदी ने कहा कि पहले की सरकारों की सोच में छोटा किसान था क्या? जब हम चुनाव आते ही एक कार्यक्रम करते हैं कर्जमाफी,ये वोट का कार्यक्रम है या कर्जमाफी का ये हिन्दुस्तान का नागरिक भली भांति जानता है, लेकिन जब कर्जमाफी करते हैं तो छोटा किसान उससे वंचित रहता है, उसके नसीब में कुछ नहीं आता है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले की फसल बीमा योजना भी छोटे किसानों को नसीब ही नहीं होती थी. यूरिया के लिए भी छोटे किसानों को रात-रात भर लाइन में खड़े रहना पड़ता था, उस पर डंडे चलते थे.
पीएम किसान सम्मान निधि योजना से सीधे किसान के खाते में मदद पहुंच रही है.10 करोड़ ऐसे किसान परिवार हैं, जिनको इसका लाभ मिल गया. अब तक 1 लाख 15 हजार करोड़ रुपये उनके खाते में भेजे गये है. इसमें अधिकतर छोटे किसान हैं.
अगर बंगाल में राजनीति आड़े नहीं आती, तो ये आंकड़ा उससे भी ज्यादा होता.
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है कि जाने-अनजाने में हमने नेताजी की भावना को, उनके आदर्शों को भुला दिया है. उसका परिणाम है कि आज हम ही, खुद को कोसने लगे हैं. हमने अपनी युवा पीढ़ी को सिखाया नहीं कि ये देश लोकतंत्र की जननी है. हमें ये बात नई पीढ़ी को सिखानी है.
उन्होंने कहा कि चुनौतियां तो हैं, लेकिन हमें तय करना है कि हम समस्या का हिस्सा बनना चाहते हैं या समाधान का माध्यम बनना चाहते हैं.
जल, थज, नभ, अंतरिक्ष भारत हर क्षेत्र में अपनी रक्षा के लिए अपने सामर्थ्य के साथ खड़ा है. सर्जिकल स्ट्राइक हो या एयर स्ट्राइक भारत की कैपेबिलिटी को दुनिया ने देखा है.
पीएम ने कहा कि इस कोरोना काल में भारत ने वैश्विक संबंधों में एक विशिष्ट स्थान बनाया है, वैसे ही भारत ने हमारे फेडरल स्ट्रक्चर को इस कोरोना काल में, हमारी अंतर्भूत ताकत क्या है, संकट के समय हम कैसे मिलकर काम कर सकते हैं.ये केंद्र और रज्य सरकार ने मिलकर कर दिखाया है.