लंदन : चेहरे पर लगाए जाने वाले मास्क से कोरोना वायरस के फैलने का खतरा कम होता है, लेकिन बार-बार खांसने से उसकी फिल्टर करने की क्षमता पर प्रतिकूल असर पड़ता है. एक नए अध्ययन में यह बात कही गई है. इसमें स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के लिए एअर-फिल्टर्स और फेस शील्ड से लैस हेलमेट समेत निजी सुरक्षा उपकरण पहनने की सिफारिश की गई है.
साइप्रस में यूनिवर्सिटी ऑफ निकोसिया के तालिब दिबुक और दिमित्रिस द्रिकाकिस समेत वैज्ञानिकों ने कम्प्यूटर मॉडलों का इस्तेमाल कर यह पता लगाया है कि जब मास्क पहनने वाला कोई शख्स बार-बार खांसता है तो खांसी से गिरने वाली छोटी-छोटी बूंदों के प्रवाह की क्या प्रवृत्ति होती है.
इससे पहले एक अध्ययन में पाया गया कि जब बिना मास्क पहने व्यक्ति खांसता है तो उसकी लार की बूंदें पांच सेकेंड में 18 फुट तक की दूरी तय कर सकती हैं.