नई दिल्ली : कृषि कानूनों के खिलाफ किसान एक महीने से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान आंदोलन को लेकर बयानबाजी जारी है. ताजाघटना क्रम में कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. सोनिया ने कहा कि केंद्र सरकार को तीनों कृषि कानूनों को तत्काल रद्द कर देना चाहिए.
उन्होंने कहा कि आजाद भारत इतिहास में पहली बार देश एक दोराहे पर खड़ा है. एक ओर देश का अन्नदाता पिछले 44 दिनों में दिल्ली की सीमाओं पर अपनी जायज मांगों के समर्थन में डटा हुआ है, वहीं देश की निरंकुश, संवेदनहीन और निष्ठुर भाजपा सरकार गरीब किसान व मध्यम वर्ग की कमर तोड़ने में जुटी है.
उन्होंने सरकार से एक फिर यह आग्रह किया कि तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने की किसानों की मांग भी स्वीकार की जानी चाहिए.
पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना
सोनिया गांधी ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि इन दोनों पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क को कम करके संप्रग सरकार के समय की दरों के बराबर किया जाए ताकि देश के लोगों को राहत मिल सके.
उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना की चौतरफ़ा मार से ध्वस्त अर्थव्यवस्था के बीच मोदी सरकार अपना ख़ज़ाना भरने के लिए आपदा को अवसर बनाने में लगी है. आज कच्चे तेल की क़ीमत 50.96 डॉलर प्रति बैरल है यानी मात्र 23.43 रुपये प्रति लीटर. इसके बावजूद डीजल 74.38 रुपये और पेट्रोल 84.20 रुपये प्रति लीटर में बेचा जा रहा है. ये पिछले 73 साल में सबसे अधिक है.