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पुण्यतिथि : देश को प्रगति के पथ पर ले जाने वाले 'युवा' प्रधानमंत्री थे राजीव गांधी - राजीव की हत्या लिट्टे ने की

21 मई 1991 की एक घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. लिट्टे उग्रवादियों ने इस दिन पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जान ले ली थी. राजीव की 29वीं पुण्यतिथि पर देश उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है.

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राजीव गांधी (फाइल फोटो)

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Published : May 21, 2020, 11:18 AM IST

नई दिल्ली. 21 मई 1991 का दिन भारतीय इतिहास की सबसे दर्दनाक घटना के लिए याद किया जाता है. आज ही के दिन पूर्व प्रधानमत्री राजीव गांधी की लिट्टे उग्रवादियों ने जान ले ली थी. इस घटना से पूरी दुनिया स्तब्ध थी. श्रीलंका में शांति सेना भेजने से नाराज तमिल विद्रोहियों ने तमिलनाडु के श्रीपेरम्बदूर में राजीव पर आत्मघाती हमला किया था.

लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार कर रहे राजीव गांधी के पास एक महिला फूलों का हार लेकर पहुंची और उनके बहुत करीब जाकर अपने शरीर को बम से उड़ा दिया. धमाका इतना जबरदस्त था कि उसकी चपेट में आने वाले ज्यादातर लोगों के मौके पर ही परखच्चे उड़ गए. राजीव गांधी की उस आत्मघाती बम धमाके में मौत हो गई थी.

देश की राजनीति में राजीव गांधी वह नाम है, जिसने देश के विकास में अपना अहम योगदान दिया.

राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 में मुंबई में हुआ. उन्की प्रारंभिक शिक्षा देहरादून के स्कूल में हुई. इसके बाद आगे की शिक्षा के लिए राजीव कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज गए. इसके बाद लंदन के इम्पीरियल कॉलेज में जाकर पढ़ाई की.

राजीव गांधी ने सोनिया गांधी से सन 1968 में शादी की. उनकी दो संतानें हुईं, जिनके नाम राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हैं.

राजनीति में प्रवेश
राजीव गांधी की रुचि राजनीति में कभी नहीं रही. वह पायलट को ही अपना करिअर बनाना चाहते थे. लेकिन 1980 में उनके छोटे भाई संजय गांधी की विमान हादसे में मौत के बाद अचानक राजीव के लिए भी परिस्थितियां बदल गईं. संजय की मौत के बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश के अमेठी संसदीय क्षेत्र से पहली बार उपचुनाव लड़ा. वह इस सीट से जीतकर पहली बार संसद पहुंचे.

इंदिरा गांधी की हत्या
31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनके ही निजी सुरक्षाकर्मियों ने गोली मारकर हत्या कर दी. इसके बाद राजीव ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. मां की मौत के बाद वह पूरी तरह राजनीति में सक्रिय हो गए.

इंदिरा गांधी की मृत्यु के बाद लोकसभा को भंग कर दिया गया और राजीव गांधी ने अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. 1984 में लोकसभा चुनाव की घोषणा कर दी गई. इस चुनाव में कांग्रेस ने भारी बहुमत से जीत हासिल की और राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री बने.

राजीव गांधी ने अपने कार्यकाल के दौरान तमाम ऐसे कार्य किए, जिससे देश की गति को रफ्तार मिली. उन्होंने संचार क्रांति को बढ़ावा दिया.

उन्होंने अपने कार्यकाल में श्रीलंका में शांति प्रयासों के लिए भारतीय सैन्य टुकड़ी को वहां भेजा. इसी कारण वह लिट्टे उग्रवादियों के निशाने पर आ गए.

राजीव गांधी की फाइल फोटो.

21 मई 1991 की रात तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में राजीव गांधी की चुनावी रैली के दौरान हत्या कर दी गई.

राजीव के हत्यारे आजीवन कारावास की काट रहे सजा

वर्तमान में मद्रास उच्च न्यायालय ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रही नलिनी श्रीहरन की मां की एक याचिका पर तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया है. नलिनी की मां ने याचिका में कहा है कि उसकी बेटी और पति को उसकी मां और बहन से वाट्सएप के जरिये रोजाना 10 मिनट तक बात करने की इजाजत दी जाए.

नलिनी के अलावा उसका पति मुरुगन, एजी पेरारीवलन, संथन, जयकुमार, रविचंद्रन और रॉबर्ट पायस राजीव गांधी की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं.

राहुल गांधी ने अपने स्वर्गीय पिता को किया नमन
इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने स्वर्गीय पिता को नमन करते हुए एक ट्वीट किया है. ट्वीट में राहुल गांधी ने लिखा- 'एक सच्चे देशभक्त, उदार और परोपकारी पिता के पुत्र होने पर मुझे गर्व है.'

राहुल गांधी का ट्वीट.

(एक्स्ट्रा-इनपुट-पीटीआई)

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