नई दिल्ली : लॉकडाउन के दौर में मूलभूत सुविधाओं के अभाव से कुतुबमीनार से दोगुनी ऊंची बनी सिग्नेचर ब्रिज के आसपास के इलाकों के लोग कांप उठे हैं. यमुना नदी के किनारे रहने वाले लोगों की हालत ऐसी है कि सुनकर आप भी सोचने को मजबूर हो जाएं.
ईटीवी भारत की टीम जब यमुना खादर के इस इलाके में पहुंची तो पाकिस्तान से आई एक महिला शरणार्थी ने कहा अगर यहां से बाहर निकल गई तो ठीक वरना यहीं पड़ी रहूंगी, क्या कर सकती हूं. यह हालत पाकिस्तान से आए उन हिन्दू शरणार्थियों की है जिन पर सियासत भी खूब हुई.
मूलभूत सुविधाओं के अभाव में कट रही जिंदगी
नदी किनारे डरावने जंगलों में एक रात गुजारना भी काफी भयावह है लेकिन यहां रहने वाले लोग इसके आदी हो चुके हैं. यहां तक की बच्चे जो जमीन पर लेटते हैं, खेलते हैं और फिर उसी जंगल में उनका दिन-रात कट रहा है. शंकर लाल बताते हैं कि सांप का डर है, बारिश में इलाका डूब जाता है लेकिन फिर भी अभी करीब 300 लोग यहां रहते हैं.