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पायलट की वापसी, कहा- लड़ाई पद की नहींं सम्मान के लिए थी - pilot after meeting rahul priyanka

राजस्थान में पिछले एक महीने से चल रहे सियासी संग्राम के बीच सोमवार को पहली बार पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट मीडिया से मुखातिब हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि पार्टी पद देती भी है और पद ले भी लेती है, मुझे पद की कोई लालसा नहीं है, लेकिन मैंने अपने मान सम्मान की बात को पार्टी आलाकमान के सामने रखा है.

सचिन पायलट का बयान
सचिन पायलट का बयान

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Published : Aug 10, 2020, 11:22 PM IST

जयपुर :राजस्थान में पिछले एक महीने से चल रहे सियासी महासंग्राम के बाद सोमवार को पहली बार सचिन पायलट राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात करने के बाद मीडिया के सामने आए. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि पिछले कुछ समय से हमारे कुछ साथी विधायक दिल्ली में आए हुए थे. हम लोगों के सरकार और संगठन के कई सारे मुद्दे थे, जिनपर हमें केंद्रीय नेतृत्व से बात करनी थी.

पायलट ने कहा कि चाहे देशद्रोह का मुकदमा हो या सरकार के काम करने का तरीका, उस पर जो आपत्तियां थी उनके बारे में आज कांग्रेस आलाकमान को बताया है. हमें लगता था कि यह बात पार्टी के बीच में रखना जरूरी था. इस पूरे प्रकरण में कई बातें कही गई और बहुत कुछ मुझे भी व्यक्तिगत रूप से सुनना पड़ा, जिन्हें सुनकर मुझे आश्चर्य हुआ. लेकिन राजनीति में संयम बनाए रखना होता है, दुर्भावना की कोई जगह नहीं होती है.

सचिन पायलट का बयान

सचिन पायलट ने कहा कि राजनीति में हम सभी ने मिलकर 5 साल में सरकार बनाई और सरकार के हम भागीदार थे. लेकिन जिन बातों पर मुझे आपत्तियां थी वह बातें मैंने कांग्रेस आलाकमान के सामने रखी. राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी ने हमारी बातें मानी और हमें आश्वासन देते हुए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है, जो समयबद्ध तरीके से हल होंगे.

पायलट ने कहा कि हमारे सैद्धांतिक मुद्दे थे, गवर्नेंस के मुद्दे थे और वह मुद्दे थे जिन्हें लेकर हम सरकार में आए थे. सचिन पायलट ने कहा कि पार्टी पद देती भी है और पद ले भी लेती है, मुझे पद की कोई लालसा नहीं है, लेकिन मैंने अपने मान सम्मान की बात को पार्टी आलाकमान के सामने रखा है, जो पिछले 18 साल से मैंने पार्टी के लिए किया वह पार्टी भी जानती है.

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डेढ़ साल पहले जब हम चुनाव जीत कर आए थे उस समय कांग्रेस अध्यक्ष ने निर्णय लेकर अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री और मुझे उप मुख्यमंत्री बनाया था. लेकिन जो डेढ़ साल का अनुभव रहा मैंने यह जरूरी समझा कि वह कांग्रेस आलाकमान के समक्ष रखा जाए, जो हमने आज आलाकमान के सामने रखा है. उन्होंने कहा कि हमने कभी ऐसी भाषा और आचरण का उपयोग नहीं किया जो हमारे योग्य नहीं है. हम लोगों ने एक दूसरे का हमेशा सम्मान किया. हमें अच्छी तरह से ध्यान है कि हम कांग्रेस के सिंबल पर ही चुनाव जीत कर आए हैं.

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